सरकारी इरना समाचार एजेंसी ने यह खबर जारी करते हुए लोगों से महामारी को गंभीरता से लेने का अनुरोध किया। रूहानी यह भी कहा कि आने वाले महीनों में करीब तीन से साढ़े तीन करोड़ लोग कोविड-19 से ग्रस्त हो सकते हैं। रूहानी ने रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यह भी पूर्वानुमान है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी जल्द दोगुनी हो जाएगी जैसा कि हमने पिछले 150 दिन में देखा है।
ईरान पश्चिम एशिया में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप से सबसे बुरी तरह प्रभावित है जहां अब तक कोविड-19 के 2,70,000 मामले सामने आए हैं और कम से कम 13,979 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इसमें पिछले 24 घंटे में सामने आए संक्रमण के 2,166 और मौत के 188 नए मामले शामिल हैं। रूहानी के हालिया बयान दर्शाते हैं कि देश के आधिकारिक आंकड़े सवालों के घेरे में हैं।
कोरोना वायरस कैसे मेजबान कोशिकाओं की प्रतिरक्षा को भेदता है इसका पता चला दूसरी ओर वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि कैसे कोविड-19 बीमारी का कारक कोरोना वायरस संक्रमित कोशिकाओं में प्रोटीन के संश्लेषण को रोक देता है, और प्रभावी तरीके से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के एक भाग को प्रभावी रूप से अक्षम बना देता है। इस खोज से इस खतरनाक बीमारी के उपचार के विकास में मदद मिल सकती है। 'साइंस' जर्नल में छपे इस अध्ययन में दिखाया गया है कि मेजबान कोशिकाओं पर नए कोरोनावायरस सार्स-सीओवी-2 द्वारा बनाए गए 'ननस्ट्रक्चरल प्रोटीन1 (एनएसपी1) के विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।
जर्मनी में म्युनिख विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं समेत वैज्ञानिकों के मुताबिक एनएसपी1 वायरस द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला मुख्य हथियार है जो मेजबान मानव कोशिकाओं में अपनी संख्या बढ़ाने और अपना प्रसार सुनिश्चित करने के लिये उपयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि एनएसपी1 को 2002-03 में सार्स महामारी के प्रकोप के बाद बीमारी बढ़ाने वाले कारक के तौर पर पहचाना गया। सार्स के विषाणु का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने दिखाया था कि यह संक्रमित कोशिकाओं में प्रोटीन का संश्लेषण बाधित करता है।


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