समजावादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारें झूठे दावों के बल पर ही दिन काट रही हैं। अपनी गलत नीतियों के चलते उन्होंने देश का भारी नुकसान किया है। इसके लिए उन्हें न तो संकोच है और न ही अफसोस। अनिश्चितता व असुरक्षा के भयावह हालात पैदा करने वाली ये सरकार लुभावनी योजनाओं के बल पर जनता को भ्रमित करती है। लेकिन, अब जनता के सामने सच्चाई आने लगी है। यही जनता एक दिन भाजपा से पूरा हिसाब लेगी।
अखिलेश ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संकट की आड़ में भाजपा ने देश की बिगड़ती स्थितियों को छिपाने का काम बड़ी चतुराई से किया है। शीर्ष नेतृत्व से लेकर दूसरे भाजपा नेता दावा करते रहते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण हैं। उनके इन दावों की पोल खुद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शोध और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट से खुल गई है। बताया गया है कि जून में खुदरा महंगाई दर 6.98 फीसदी रही है। अभी महंगाई और बढ़ने के आसार हैं। जनता की जेब खाली है। जिंदगी के दिन और संकटमय होंगे।
एसबीआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उपभोक्ता वस्तुओं के दामों में और वृद्धि होगी। इससे आम लोगों का घरेलू बजट बुरी तरह प्रभावित होगा। डीजल के दामों में हालिया वृद्धि से परिवहन महंगा हुआ है। सामान ढुलाई के दाम बढ़ने से बाजार पर बुरा असर पड़ा है।
औद्योगिक घरानों को बैंक सौंप दें तो आश्चर्य नहीं
सपा अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी की जल्दबाजी और अदूरदर्शी फैसलों से उद्योग-व्यापार जगत को बहुत क्षति पहुंची है। कई क्षेत्रों में नौकरियों में छंटनी से बेरोजगारी बढ़ गई। नए उद्योग लगने बंद हो गए। सरकारी बैंकों की हालत खस्ता है। उनका प्रदर्शन कमजोर बना हुआ है। उनकी हिस्सेदारी तेजी से निजी बैंकों के पास जा रही है। भाजपा औद्योगिक घरानों को बैंकों का स्वामित्व सौंप दे तो आश्चर्य नहीं? यह खेल बहुत खतरनाक होगा।

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