यह कंपनी डिफाल्टर हो कर बाहर हो चुकी है इसके बाद लगभग 2 साल पहले यही काम चीनी कंपनी इकोग्रीन एनर्जी को दिया गया लेकिन समस्या जस की तस बनी रही घरों से कूड़ा कलेक्शन का काम शुरू में तो बड़ा लेकिन किपिंग फीस भुगतान के विवाद से व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई।
लखनऊ के आधे शहर में आज भी कूड़ा कलेक्शन नहीं हो पा रहा है। लगभग 8 साल पहले 100 करोड़ खर्च कर कचरा प्रबंधन योजना सफल नहीं हो पाई । घरों से कूड़ा कलेक्शन का काम नहीं पूरा हो पाया। इसके बाद भी इको ग्रीन एनर्जी कचरा प्रबंधन का काम कर रही रही थी जिस को हटाने का प्रस्ताव पास हो चुका है।

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