कोरोनावायरस के चलते इस महामारी में सरकार ने गरीबों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराने के लिए भरपूर प्रयास किया, लेकिन कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण इस योजना पर पानी फिर गया। सरकारी कर्मचारी गरीबों का राशन खा रहे हैं। पात्र राशन पाने के लिए इधर उधर भटकने को मजबूर हैं। साथ ही मलाही टोला का कोटेदार भी 10 दिन से राशन नहीं बांट रहा। यहां तक कि कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की हेल्पलाइन पर शिकायत की है।
सरकार की मंशा है कि इस महामारी में कम से कम कोई गरीब भूखा न सोने पाए, लेकिन उसका फायदा सरकारी कर्मचारी उठा रहे हैं। पात्र राशन के लिए भटकने को मजबूर है। जनरैल गंज में रिवरडेल स्कूल के पास रामू कश्यप जो नाबार्ड बैंक में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। जिसके पास मार्शल गाड़ी, तीन मकान का मालिक है फिर भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है। प्रत्येक माह निशुल्क राशन ले रहा है। साथ ही साथ सुबह उठकर गाड़ी और रोड की धुलाई करता है। राष्ट्रीय संपत्ति जल ही जीवन है अर्थात पीने के पानी की बर्बादी करता है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई करें और सजा दिलाए जिससे अन्य लोगों को सबक मिले और इस तरह का कार्य न कर पाए। साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंच सके।

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