सीएम नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान, कहां बिहार में होगी जाति जनगणना

 


नारा दिया गया था कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी! पिछड़ों बांध लो गाँठ सौ में साठ! अर्थात कुल जनसंख्या का 60% पिछड़े वर्ग से है! बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया कि बिहार में जाति आधारित जनगणना होगी! मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर जाति आधारित जनगणना कराएगी! इसमें सभी धर्म जाति समुदाय की गिनती होगी! इस संबंध में जल्द ही फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा! मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति जनगणना को लेकर जो भी चीजें होंगी सभी सार्वजनिक मंच पर रहेंगी, ताकि सभी लोग जान सकेंगे कि क्या होने जा रहा है! इसके लिए पैसे की आवश्यकता होगी जिसे मंत्रिमंडल से पास कराया जाएगा! कहा कि जो भी जाति जनगणना कराने वाले लोग होंगे उन्हें पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा! एक समय सीमा के अंदर यह जनगणना कराई जाएगी! इसमें जातियों की उप जातियों को भी शामिल किया जाएगा! 

जाति जनगणना पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव ने शुरू से जाति जनगणना की लड़ाई लड़ी! जाति जनगणना पर फैसला राजद की जीत है! जनगणना से सभी जातियों का आकलन होगा! जनगणना से वास्तविक स्थिति का पता चलेगा! जाति जनगणना के काम के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय मदद मुहैया कराने की मांग की है! 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने कहा कि सीमांचल में मुस्लिम समाज में यह बहुतायत देखा जाता है कि अगड़े शेख  समाज के लोग शेखोरा अथवा कुलहरिया बनकर पिछड़ों के हकमारी करते हैं! यह भी गणना करने वालों को देखना होगा कि मुस्लिम में जो आंकड़े हैं वह इस गणना के आड़ में पिछड़े अथवा अति पिछड़े नहीं बन जाए जाति एवं उपजति गणना के कारण कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम नहीं जुड़ जाए ! भारत में सरकारी तौर पर 3747 जातियां हैं और केंद्र सरकार ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में बताया कि उनके 2011 के सर्वे में 4.30 लाख जातियों का विवरण जनता ने दिया है! 


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