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| राजस्थान में सड़को भावी अग्निवीर |
अग्निपथ अर्थात आग पर चलने वाला रास्ता, आग पर विजय पाने वाले को ही अग्निवीर कहा जा सकता है! त्रेता में सीता जी की अग्नि परीक्षा हुई थी! अब कलयुग में नव जवानों की अग्निपरीक्षा होगी! जो इस परीक्षा में पास होगा वही अग्निवीर बनेगा और जो फेल हो जाएगा वह 4 साल बाद समाज द्वारा हे दृष्टि से देखा जाएगा! समाज के ताने सहेगा कि यदि अच्छे होते तो सेना में रहकर देश की सेवा कर रहे होते! सेना ने तुमको नकारा घोषित कर दिया! तुम्हारे साथ के ही 25 फीसद लोग सेना की नौकरी कर रहे हैं!
आईटीआई करने के लिए 2 साल चाहिए, इंजीनियर बनने के लिए 4 साल और डॉक्टर और प्रोफेसर बनने, के लिए 5 साल यहां तक कि अच्छा ड्राइवर बनने के लिए कम से कम 3 साल गुजारने के बाद कमर्शियल लाइसेंस बनता है! पढ़ाई की 12 साल, उम्र बिताई 17 साल, नौकरी 4 साल, बाकी 50 साल आवारागर्दी के लिए! 4 साल बाद रिटायर जवान को आवारागर्दी करने के लिए पैसे अपने मां बाप से नहीं मांगने पड़ेंगे! इसलिए रिटायर्ड जवान अपने माता-पिता का कहा भी नहीं मानेगा और मनमानी करने के लिए माता-पिता और समाज का अंकुश खत्म हो जाएगा! इससे सामाजिक ताने-बाने के टूटने का भी खतरा बढ़ जाता है!
कांग्रेस अपने दूर दृष्टि के कारण 70 साल देश की सेवा की है यह पार्टी हमेशा भविष्य को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाती थी! शायद इसी को ध्यान में रखकर एनसीसी को शुरू किया गया होगा कि यदि देश में इमरजेंसी आ जाए तो उस समय प्रशिक्षित जवान आसानी से मिल जाए और तुरत आपात स्थिति से निपटने के लिए उनकी सेवा ली जा सके! आज यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि सेना में अग्निवीर की भर्ती करनी पड़ रही है तो इसके लिए सबसे बेहतर यही होता कि ए,बी,सी सर्टिफिकेट धारक एनसीसी कैडेट्स को सेना में भर्ती किया जाए! भारत देश में एनसीसी कैडेट्स की कमी नहीं है! जिनकी लगभग बेसिक ट्रेनिंग भी पूरी हो चुकी है!
आज समाज और अधिकारियों की दृष्टि में वर्दी पहने होमगार्ड और पीआरडी जवानों का क्या हाल है यह जगजाहिर है! आने वाले समय में कमोबेश यही हाल सेना से रिटायर्ड अग्निवीरों का, हो सकता है!
कहां गया है कि बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय काम बिगाड़े आपने जग होत हंसाय! जिस तरह से 3 नए कृषि कानून लाए गए थे उसका किसानों ने जबरदस्त विरोध किया था जिसके आगे सरकार को झुकना पड़ा और तीनों नए कृषि कानून वापस लेना पड़ा! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को यह कहना पड़ा कि हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए! 370 हटाने के बाद जम्मू कश्मीर में शांति बहाल हो गई वहां के निवासी खुश हैं या नहीं यह तो अच्छी तरह से जम्मू कश्मीर के रहने वाले लोग ही बता सकते हैं अभी हाल में ऐसी खबरें आई थी वहां से पंडित पलायन करने के लिए मजबूर हैं! पूरा समाज जानता है कि बच्चों की शादी किस लिए की जाती है फिर भी सामाजिक पर्दा डाला जाता है! पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद जिस तरह से हिंसा भड़की उसको लेकर यही कहा जा सकता है कि उन्होंने सामाजिक पर्दा को हटा दिया! जो सामाजिक ताने-बाने को परेशानियों में डालने का काम किया! जिस तरह सेना में अग्निवीर की भर्ती को लेकर नौजवानों में विरोध प्रदर्शन की भावना बढ़ी है वह कहां रुकेगी यह तो कह पाना कठिन है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को कुछ दिन के बाद यह कहना पड़े कि हमने चंद नौजवानों को समझा नहीं पाए!
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