जिला जज डॉक्टर अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को ज्ञान बाकी सर्वे में मिले शिवलिंग के राग भोग और पूजा अर्चन के लिए दाखिल स्वरित आवेदन को खारिज कर दिया गया!
अदालत में आवेदन पर टिप्पणी भी की कि यदि प्रकरण इतना ही जरूरी था तब 16 से 31 मई तक सिविल न्यायालय में यह मामला क्यों नहीं लाया गया! स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल इस आवेदन पर अदालत ने टिप्पणी भी की कि यह वाद स्वरित या आवश्यक प्रतीत नहीं होता है! गर्मी की छुट्टी के कारण सिविल न्यायालय बंद है! ऐसे में आप सिविल कोर्ट खुलने के बाद आए आपको सुनवाई का उचित अवसर दिया जाएगा!
अदालत ने आदेश में कहा कि आपके आवेदन से यह साफ है कि आपको 16 मई को जानकारी हो गई थी कि ज्ञानवापी में शिवलिंग मिला है यदि प्रकरण इतना आवश्यक प्रकृति का था तब 16 मई से 31 मई तक वाद प्रस्तुत कर सकते थे जब सिविल कोर्ट खुला हुआ था इस प्रकरण में ऐसा कुछ भी नहीं है जो त्वरित प्रकृति का है या इससे किसी का जरूरी हित प्रभावित हो रहा है!
उधर ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा के लिए धरने पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 108 घंटे बाद बुधवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया द्वारिका शारदा एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और कांची मठ के महाराज का पत्र मिलने के बाद यह निर्णय लिया है! अब वह गुरु की आज्ञा अनुसार आदि विश्वेश्वर के भव्य मंदिर निर्माण के लिए देशव्यापी अभियान चलाएंगे! बुधवार को अविमुक्तेश्वरानंद ने आदि विश्वेश्वर के चरण पादुका की प्रतीक पूजा करने के बाद अनशन समाप्त किया!
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