जुमे की नमाज के बाद हुए विरोध प्रदर्शन और हिंसा के मामले में उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरे दिन प्रशासन का बुलडोजर आरोपियों के घर पर चला! प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) जावेद के करोड़ों रुपए की लागत से बने मकान पर बुलडोजर चलाकर भारी क्षति पहुंचाई गई है! प्रदेश के प्राधिकरण पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि, जब कोई व्यक्ति आरोपित होता है तब उसके मकान पर यह कहकर बुलडोजर चलाया जाता है कि उसका मकान अवैध बना था या फिर उसका नक्शा नहीं पास कराया गया था! अभी भी शहर से लेकर गांव तक कई हजार मकान ऐसे हैं जहां न ही मकानों का नक्शा पास कराया गया है और न ही जमीन के कागज भी लोग दिखा पाएंगे! इस नजर से देखा जाए तो प्रदेश के पूरे गांव में बुलडोजर चलना चाहिए!
यहां सबसे बड़ी बात यह है कि आरोपी एक या दो व्यक्ति होते हैं लेकिन बुलडोजर की कार्रवाई से पूरे परिवार के सदस्यों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है! जो निर्दोष होते हैं! साथ ही समाज के ताने-बाने में भरोसा भी रखते हैं! न्यायालय भी उन्हीं लोगों को सजा देती है जो दोषी होते हैं! परिवार के अन्य सदस्य को किसी प्रकार की सजा नहीं मिलती है! उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का आरोपियों पर जो बुलडोजर चल रहा है वह तो ठीक है या फिर गलत यह तो न्यायालय ही जाने लेकिन एक बात हर वर्ग को खल रही है कि आरोपी या फिर दोषी एक व्यक्ति होता है लेकिन जब मकान बनाया जाता है तो पूरे परिवार को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है! साथ ही उस मकान को बनाने में परिवार के किन-किन सदस्यों की मेहनत की कमाई लगी होगी इस पर कभी विचार नहीं किया जाता! बुलडोजर चलाकर अकारण ही पूरा परिवार जो निर्दोष होता है उसको सजा मिलती है!
कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष आए दिन सवाल उठाता रहता है के प्रदेश में जंगलराज कायम है! आए दिन बहन बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ हो रहा है! चोरी, डकैती, लूट की घटनाएं भी बढ़ रही है लेकिन प्रदेश की सरकार उनके घर बुलडोजर नहीं चलाती है!
बता दें कि लखीमपुर खीरी में चार किसानों को गाड़ी के कुचलने के आरोपी आशीष मिश्र को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गिरफ्तार किया गया था! इसके बाद एसआईटी ने आशीष के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की सिफारिश की थी, साथ ही जमानत का विरोध भी किया था. लेकिन चार महीने जेल में रहने के बाद आरोपी आशीष मिश्र को हाईकोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई!
उत्तर प्रदेश राज्य के उन्नाव शहर में 4 जून 2017 को 17 वर्षीय लड़की का कथित सामूहिक बलात्कार हुआ था। मामले में दो अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए गए हैं। पहले आरोप-पत्र केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 11 जुलाई 2018 को उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के नेता कुलदीप सिंह सेंगर के नाम पर दायर किया गया। दूसरा आरोप पत्र 13 जुलाई 2018 को कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई, तीन पुलिसकर्मियों और पाँच अन्य लोगों पर बलात्कार पीड़ित लड़की के पिता को दोषी बताने के लिए दायर किया गया!
उधर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा कि पी सरकार एक समुदाय विशेष को टारगेट करके बुलडोजर विध्वंस व अन्य द्वेषपूर्ण आक्रामक कार्रवाई कर विरोध को कुचलने एवं भय व आतंक का जो माहौल बना रही है यह अनुचित व अन्यायपूर्ण। घरों को ध्वस्त करके पूरे परिवार को टारगेट करने की दोषपूर्ण कार्रवाई का कोर्ट जरूर संज्ञान ले!
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