लखनऊः चुनाव आयोग और देश की सर्वोच्च न्यायालय की लाख कोशिशो के बावजूद भी इस बार बिहार विधानसभा चुनाव-2020 के पहले चरण में 71 सीटों पर चुनाव होने हैं। दिनारा विधानसभा से 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें नौ प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सर्वाधिक उम्मीदवार गुरुआ विधानसभा क्षेत्र में हैं। यहां 10 प्रत्याशी आपराधिक छवि वाले हैं।
लोकसभा इलेक्शन में, हमने पूरे बिहार में मात्र एक सीट पर ही चुनाव लड़े, वहां पर बीजेपी नहीं, बल्कि कांग्रेस की जीत हुई, बाक़ी 39 सीटों पर हमने उम्मीदवार खड़ा नहीं किया तो फिर कांग्रेस और राजद की जोड़ी सब जगहों से कैसे हार गयी? आखिर वोट कटवा साबित कौन हुआ ? - Barrister @asadowaisi pic.twitter.com/JCjA0xvgMD
— AIMIM (@aimim_national) October 10, 2020
पहले चरण में कुल 1,066 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें 319 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बांका, शेखपुरा और शाहपुर में आठ-आठ उम्मीदवारों पर आपराधिक मुदकमे हैं। सुल्तानगंज, कटोरिया, मोहनिया, बाराचट्टी और जमुई के मतदाता भाग्यशाली हैं। इन पांचों सीटों पर एक-एक दागी उम्मीदवार ही हैं। जदयू ने गोपालगंज के कुचायकोट से बाहुबली अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय को अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने बाहुबली बोगो सिंह को भी उम्मीदवार बनाने में कोई परहेज नहीं की।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की चुनावी सभा। विधानसभा- पालीगंज (पटना) से https://t.co/dxCpvilNEa
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 15, 2020
कुछ दिनों पहले जेल से छूटे रीतलाल राय उर्फ रीतलाल यादव को राजद ने दानापुर से उम्मीदवार बनाया है। मोकामा से बाहुबली अनंत सिंह को टिकट दिया है। पार्टी ने तो अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपने 38 वैसे प्रत्याशियों का ब्यौरा दिया है। लोजपा ने ब्रह्मपुर से बाहुबली हुलास पांडेय को मैदान में उतारा है तो इनके बड़े भाई बाहुबली सुनील पांडेय लोजपा छोड़ निर्दलीय तरारी से मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
युवा साथियों, इसे आप बिहार का दुर्भाग्य कह सकते है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 15, 2020
आदरणीय नीतीश कुमार जी कभी कहते है बिहार में ज़मीन नहीं है इसलिए उद्योग नहीं लग सकते। कभी कहते है बिहार समुद्र किनारे नहीं है। कभी कहते है बिहार के पास संसाधन नहीं है।
CM साहब, क्या सभी विकसित राज्य समुद्र किनारे है? pic.twitter.com/kKaV2pTujL
लोकसभा हो या फिर विधानसभा चुनाव राजनीति से आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों का खात्मा नहीं हुआ। कमोवेश सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए सभी दलों ने बाहुबलियों का सहारा लिया। बिहार का शायद ही कोई विधानसभा क्षेत्र हो, जहां बाहुबली चुनाव को प्रभावित करने की हैसियत न रखता हो। चुनाव जीतने के लिए अधिकांश दलों ने इन स्थानीय दबंगों या फिर उनके सगे-संबंधी रिश्तेदारों को उम्मीदवार बनाया है।
नीतीश ने नियोजित शिक्षकों को समान काम पर समान वेतन क्यों नहीं दिया? हक़ माँगने पर शिक्षकों पर लाठी क्यों बरसाई?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) October 14, 2020
राजद गठबंधन सरकार आने पर शिक्षकों की समान काम के लिए समान वेतन लागू किया जाएगा। pic.twitter.com/wdrvH1haPZ
2005 से 2015 तक की एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्मस (एडीआर) 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में 3,058 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, जिनमें 986 दागी थे। वहीं 2015 के चुनाव में 3,450 में से 1,038 आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार थे। इनमें से 796 के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने, अपहरण और महिला उत्पीड़न जैसे मामले दर्ज थे। 2015 के चुनाव में जदयू ने 41, राजद ने 29, भाजपा ने 39 और कांग्रेस ने 41 फीसदी दागियों को टिकट दिया। यही वजह है कि 243 सदस्यीय विधानसभा के 138 विधायक दागी थे। मतलब 57 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें 95 के खिलाफ तो गंभीर मामले थे।
लो कर लो बात।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) October 14, 2020
15 साल से मटर छिल रहे थे क्या?? 15 साल बाद नीतीश जी और सुशील जी को महसूस हुआ कि बिहार में बेरोज़गारी है।
तेजस्वी तुम लोग को अब मुद्दे आधारित राजनीति सिखाएगा। https://t.co/XyCWBCQWwb
यदि दलगत स्थिति को देखे तो राजद के 81 विधायकों में 46, जदयू के 71 में 37, भाजपा के 53 में 34, कांग्रेस के 27 में 16 और सीपीआई (एम) के तीनों तथा रालोसपा और लोजपा के एक-एक विधायक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। 2010 में जीत हासिल करने के बाद विधानसभा पहुंचे 57 फीसद। 2015 में 58 फीसद माननीयों पर केस चल रहा था। 2010 में 33 फीसद तो 2015 में 40 फीसद, विधायक गंभीर आपराधिक मामले में आरोपित थे।
मैंने सौगंध ली है कि बिहार के हित में सदा कार्य करता रहूँगा। हर बिहारवासी को जब तक उनका हर अधिकार नहीं दिला देता, चैन से बैठने वाला नहीं हूँ।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 14, 2020
इस सौगंध को पूरा करने के क्रम में आज नामांकन करने जा रहा हूँ। परिवर्तन के इस शंखनाद में आपके स्नेह, समर्थन और आशीर्वाद का आकांक्षी हूँ। pic.twitter.com/IeT5E82xTs

एक टिप्पणी भेजें
please do not comment spam and link