बीएलओ का काम कर रहे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के परिवारीजन, बड़ी गड़बड़ी होने की आशंका


लखनऊः  पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची में नाम बढ़वाने की प्रक्रिया शुरू है। पंचायत चुनाव हो या फिर लोकसभा और विधानसभा अक्सर चुनाव के समय सुनने में आता काफी मतदाता मतदान करने से वंचित रह गये। इसका मुख्य कारण है कि अप्रशिक्षत बीएलओ घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर मतदाता सूची तैयार करने का काम करते हैं। जिससे बड़ी गड़बड़ी हो होने की आशंका बनी रहती है। इन्हीं सब कारणों के चलते मतदाताओं को मतदान के समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही मतदान से वंचित रह जाते हैं। 

लगभग प्रत्येक राजनीतिक दल चुनाव के समय बड़ी-बड़ी डींगे मारते हैं। कहते हैं कि सभी स्कूलों में अध्यापक होंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर, पैरामेडिक स्टाफ के साथ ही पर्याप्त मात्रा में जन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चैंबद की जाएगी। सिपाहियों की भर्ती की होगी, लेकिन चुनाव जीतने के बाद पांच साल तक राजनीतिक दल को जनता की याद नहीं आती। जिससे जनता को मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं धरातल से गायब हो जाती है। इन सबका दुष्परिणाम भोलीभाली जनता को भोगना पड़ता है। सही मायने में सत्ता दल और जिम्मेदार अफसर मनसा, वाचा, कर्मणा से ठान लें कि जनता की सेवा करेंगे। इस दृढ़ संकल्प का परिणाम जल्द ही जनता के सामने दिखने लगेगा। आज जो बेकाबू होते अपराध पर पूरी अंकुश लगाया जा सकता है। 

मतदाता सूची तैयार का कार्य बहुत ही सावधानीपूर्वक करने वाला हैं। मतदाता बनाने के लिए प्रशिक्षित बीएलओ लगाने चाहिए जो घर-घर जाकर लोगों संपर्क कर सही आंकड़ एकत्रित कर कम्प्यूटर में फीड करना चाहिए। यदि अप्रशिक्षित बीएलओ मतदाता सूची तैयार करेंगे तो मतदान के समय मतदाताओं के आंकड़ों में काफी त्रुुटियां रह जाएंगी। किसी आधारकार्ड में मतदाता का नाम, पिता का नाम, पता और जन्म तिथि वोटर लिस्ट से भिन्न मिलेंगे। इससे बहुत सारे पात्र मतदाता मतदान से वंचित रहे जाएंगे।

   आंगनबाड़ी की कार्यकत्रियों को बीएलओ बनाया गया है, लेकिन बीएलओ का काम इनके परिवारीजन करते दिख रहे हैं। किसी का बेटा तो किसी का पति रजिस्टर लेकर घर-घर पहुंच रहे हैं। इस दौरान अगर कोई नया मतदाता बनाना है तो उसके आधार की फोटोकापी और फोटो लेकर फार्म भी भरना है, लेकिन बीएलओ के पति व पुत्र गांव के पांच छह लोगों के यहां ही बैठकर सूची तैयार कर रहे हैं। ऐसे में कई लोगों का नाम भी नहीं जुड़ पाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार राव ने कहा कि बीएलओ के स्थान पर अगर उनका कोई परिवारीजन मतदाता सूची तैयार करने का काम करेगा और जांच के दौरान सही पाए जाने पर ऐसे बीएलओ के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पंचायत चुनावों को लेकर तैयार की जाने वाली ग्राम भ्रमण आख्या में गांव से संबंधित प्रत्येक जानकारी दर्ज की जाएगी। जैसे गांव की आबादी, धार्मिक आधार पर आबादी की स्थिति, शस्त्र रखने वाले लोगों के नाम, जुआरी व शराबियो के नाम, हिस्ट्रीशीटर, गंभीर अपराधों के आरोपी, मंदिर और मस्जिद की संख्या, शराब के ठेके, प्रधान पद के पूर्व प्रत्याशी व चुनाव लडने की तैयारी कर रहे युवाओं के नाम सहित अन्य जानकारियां दर्ज की जाएंगी।


ग्राम भ्रमण के समय तैयारी की जाने वाली आख्या रिपोर्ट में पुलिस का सहयोग करने वाले लोगों का ब्यौरा उनके मोबाइल नंबर के साथ दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, लेखपाल, सेक्रेटरी, एएनएम, आशा बहू और आंगनबाड़ी कार्यकत्री का नाम और मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा।

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