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| Sit teem: DGP और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी |
लखनऊः हाथरस गैंगरेप कांड को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर दिख रहे हैं। सीएम का मानना है कि निर्दोष फसने न पाये और दोषी कानून के शिकंजे से छूटने भी नाए। इसी को लेकर हाथरस गैंगरेप कांड की जांच कर रही एसआईटी टीम को जांच के लिए 10 दिन को और समय दिया है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने दी। तीन सदस्यीय एसआईटी के गठन के वक्त सीएम ने एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। इसकी मियाद आज पूरी हो रही थी। उम्मीद थी कि आज एसआईटी अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंप देगी, लेकिन अब खबर यह है कि उसे जांच के लिए दस दिन का और वक्त दिया गया है। जिससे तीन सदस्यीय एसआईटी टीम की जांच रिपोर्ट में कोई बिंदु छूटने न पाये जिससे दोषी किसी कमजोर बिन्दु का फायदा उठा कर बच जाये और पीड़िता के परिवारीजनों न्याय पाने से वंचित रह जाए।
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| हाथरस गैंगरेप कांड की जांच कर रही एसआईटी |
एसआईटी ने हाथरस गैंगरेप पीडि़ता के परिवारवालों से मुलाकात कर उनके बयान दर्ज किए साथ ही गांववालों से पूछताछ कर हकीकत जानने की भरपूर कोशिश की। टीम ने मामले में दलित और महिला अधिकारी को भी शामिल किया गया हैं। इनमें गृह सचिव भगवान स्वरूप के अलावा अन्य दो सदस्यों में डीआईजी चंद्र प्रकाश और सेनानायक पीएसी आगरा पूनम शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने अपनी पड़ताल के दौरान 100 से अधिक लोगों के बयान कलमबंद किए हैं। पीड़िता के परिवारीजन और विपक्ष के आरोपों के मद्देनजर यूपी सरकार ने पहले तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस के एक्शन पर सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को यह मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया।


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