कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी करने वालों को भी मिलेगा ग्रेच्युटी का लाभ



लखनऊः दिन प्रतिदिन सरकारी नौकरियां कम होती जा रही हैं। संगठित क्षेत्र के नौकरीपेशा लोगों को नए लेबर कोड ने राहत दी है। ग्रेच्युटी के मामले में पांच साल की टाइम लिमिट को नए सिरे से बनाया गया है। अब कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का फायदा मिलेगा। कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को पांच साल से पहले जॉब छोड़ने या निकाले जाने पर भी ग्रेच्युटी का फायदा मिलेगा। सरकार ने निश्चित अवधि (फिक्स्ड टर्म) वाले कर्मचारियों के लिए यह व्यसस्था कर दी गई है। यदि कोई कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर किसी भी कंपनी के साथ एक साल फिक्स्ड टर्म के साथ काम करता है तो भी वह ग्रेच्युटी का हकदार होगा।


कॉन्ट्रैक्ट पर कम करने वाले नोकरीपेशा लोगों के लिए अब एक नियमित कर्मचारी की तरह सामाजिक सुरक्षा का अधिकार दिया गया है। कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के अलावा सीजनल प्रतिष्ठान में काम करने वाले नौकरीपेशा को भी इसका फायदा दिया जाएगा। ग्रेच्युटी सैलरी का वह हिस्सा होता है जो एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है। लेबर कोड के नए प्रावधानों के जरिए श्रमिकों के हित में बड़ा बदलाव होगा। इससे देश के करोडों श्रमिकों को फायदा होगा। अभी तक पांच साल की नौकरी पूरी करने पर हर साल 15 दिन के वेतन के हिसाब से ग्रेच्युटी निर्धारित है। मालूम हो कि कर्मचारियों के जल्द जॉब चेंज करने की वजह से पांच साल से कम समय में नौकरी पर ही ग्रेच्युटी देने की जरूरत महसूस की जा रही थी।


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