दिल्ली में कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल से वार्ता विफल होने के बाद सियासत भी गरमाई, रेलवे ट्रैक खाली होंगे या नहीं इस पर आज किसान करेंगे फैसला



लखनऊः कृषि कानूनों के विरोध में 21 दिन से रेलवे ट्रैक पर किसान डटे हैं। दिल्ली में किसानों के साथ केंद्र के व्यवहार पर पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने कड़ी निंदा की है। किसान भवन चंडीगढ़ में किसान संगठनों की गुरुवार को होने वाली बैठक काफी अहम होगी। बैठक में संगठन रेल ट्रैक खोलने या न खोलने पर फैसला लेंगे। दिल्ली में कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल से वार्ता विफल होने के बाद किसान यूनियनों में काफी रोष है।चंडीगढ़ में होने वाली किसान यूनियनों की बैठक पर सभी की नजरें टिकी हैं। 


कृषि कानूनों के विरोध में 21 दिन से रेलवे ट्रैक पर किसान डटे हैं। इससे मालगाड़ियों की आवाजाही बंद हो गई है।  पंजाब में बिजली उत्पादन पर फर्क पड़ा है और कई जिलों में लंबे कट लगने शुरू हो गए हैं। खाद्यान्न भी नहीं पहुंच पा रहा है। इसका असर आने वाले गेहूं के सीजन पर भी पड़ सकता है। ट्रेनें न चलने के कारण तैयार माल पंजाब से बाहर नहीं जा पा रहा है और कच्चा माल पंजाब नहीं आ पा रहा। 



कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि किसानों का ही नहीं बल्कि पूरे पंजाब का अपमान है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने वर्चुअल किसानों के साथ वार्ता कर कहा कि कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार दिखावा कर रही है। कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि कृषि कानूनों को पास करने से पहले किसानों से कोई वार्ता नहीं की गई। इसके बाद भी अब असंतुष्ट किसान जत्थेबंदियों से बात करने को प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्री आगे नहीं आ रहे। पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार अधिकारियों को आगे कर किसानों का सामना करने से भाग रही है। 

 

शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा किसानों और उनके संगठनों के साथ किए गए व्यवहार की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा भी पंजाब में किसानों के मामले में कांग्रेस की भूलों को दोहरा रही है। किसानों और नौजवानों को भड़काने के लिए उसी पंजाब विरोधी और किसान विरोधी षड्यंत्रों का सहारा ले रही हैं।  अकाली दल अध्यक्ष ने मांग की है कि किसानों के खिलाफ सभी (काले कानूनों) को शीघ्र खत्म किया जाना चाहिए और आगे किसान संगठनों से सलाह ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक अच्छे अवसर को बेकार कर दिया है।  


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