पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन जारी, थर्मल पावर बंदी की कगार पर

रेल ट्रैक को रोकने की कोशिश

लखनऊः किसानों का कृषि कानूनों को लेकर विरोध-प्रदर्शन रूकरने का नाम नहीं ले रहा है। आंदोलनकारी किसानों ने रेल ट्रैक को रोकने की कोशिश की है। जिससे कई ट्रेनें बंद हैं । टेªनों के बंद होने से पंजाब में कोयला, खाद और बारदाना नहीं पहुंच पा रहा है। इसके चलते एक तरफ जहां राज्य में थर्मल पावरको पर्याप्त मात्रा में कोयला उपलब्ध न होने से बंद होने की कगार पर हैं वहीं दूसरी तरफ खाद और बारदाना न पहुंचने से खेती और फसल खरीद पर संकट खड़ा हो गया है।


सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि एनपीएल के पास कोयला 6 दिन के लिए बचा है। टीएसपीएल के पास 2.79 दिनों के लिए, जीवीके के पास 0.62 दिनों के लिए और जीजीएसटीटीपी रोपड़ के पास 4.22 दिन चल सकता है। राज्य में यूरिया और डीएपी की भी कमी होने लगी है। सूबे में यूरिया की जरूरत 13.5 लाख टन है, जबकि वर्तमान उपलब्धता 1.7 लाख टन है। डीएपी  6 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता है जबकि उपलब्धता 4.6 लाख मीट्रिक टन है। किसान आंदोलन से खाद्यान प्रभावित हुआ है।


पंजाब आ रहीं बारदाने की 24,480 गांठें दिल्ली और मुरादाबाद में फंस गईं हैं। जिनमें से 22,800 गाठें राज्य एजेंसियों और 1680 गांठें एफसीआई की हैं। कोलकाता से आने वाली बारदाना की 7480 गांठें भी फंसने की संभावना है। राज्य में पहले से ही बारदाना की कमी है। बारदाना नहीं मिलने से तरनतारन, मनसा, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों में गेहूं की खरीद प्रभावित होने की संभावना है। 

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