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| Aobotics-Automation in Focal Point, Ludhiana |
विश्व आर्थिक मंच लगभग एक साल तक 26 देशों के 15 अलग-अलग प्रमुख उद्योगों में बड़े व मझोले कारोबारों पर अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी से दुनियाभर में 2025 तक ऑटोमेशन से लगभग 8.5 करोड़ नौकरियों पर संकट पैदा हो जाएगा। संकेत यह भी है कि ऑटोमेशन से नौकरियां सिर्फ जाएंगी नहीं बल्कि 9.5 करोड़ नई नौकरियां मिलेंगी भी लेकिन इनके लिए विशेष तकनीकी कौशल अनिवार्य शर्त होगी। रिपोर्ट में यह भी दावा है कि भारत दुनिया भर में सबसे तेजी से ऑटोमेशन को अपना रहा है। यहां स्थित कंपनियां वैश्विक औसत से भी तेज गति से रोबोट व मशीनों पर निर्भर हो गई हैं और साथ ही डिजिटलीकरण भी तेजी से बढ़ा है।
इन नौकरियों की मांग बढ़ेगीः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लर्निंग स्पेशलिस्ट, डाटा एनालिस्ट्स और साइंटिस्ट, इंफॉर्मेंशन सिक्योरिटी एनालिस्ट्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स स्पेशलिस्ट्स, बिग डाटा स्पेशलिस्ट्स
ये गुणों को मिलेगी तरजीहः विश्लेषणात्मक सोच व नवोन्मेष, जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता, रणनीति बनाने का कौशल व हर चीज जल्दी सीखने की आदत, अधिक तनाव झेलने व किसी भी परिस्थिति में ढलने की क्षमता
इन नौकरियों पर बढ़ेगा संकटः प्रशासनिक व कार्यकारी सचिव, जनरल व ऑपरेशन मैनेजर, एसेंबली व फैक्टरी वर्कर, अकाउंटिंग, बुककीपिंग और पेरोल क्लर्क, डाटा एंट्री क्लर्क
मंच के मुताबिक भारत के उद्योगों में 50 फीसद वैश्विक औसत के मुकाबले ऑटोमेशन 58 फीसद है। इसी तरह कार्य प्रक्रियाओं में डिजिटलीकरण 84 फीसद वैश्विक औसत के मुकाबले 87 फीसद है। अध्ययन में 300 वैश्विक कंपनियों के सीनियर बिजनेस लीडर्स को शामिल किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक अगले 12 माह में दुनियाभर में काम कर रहे 50 फीसद वयस्कों की नौकरी चली जाएगी। भारत में यह आंकड़ा लगभग 57 फीसद होगा। वहीं दो तिहाई लोगों को आस है कि उनके नियोक्ता ऐसी स्थिति में उनकी मदद करेंगे।
अनुमान है कि 2025 तक कंपनियों में कार्य प्रणाली दो बराबर हिस्सों में बंटेगी। इसमें एक हिस्सा मशीनों का होगा जिसमें रोबोट की मदद से सूचना व डाटा प्रोसेसिंग का काम पूरा होगा। प्रशासनिक और रुटीन के मानवीय कामों के लिए कर्मचारी रखे जाएंगे। ऐसे में नौकरी पाने के लिए तकनीकी ज्ञान के साथ मानवीय कौशल भी अनिवार्य होगा। इन लोगों को प्रबंधन, सलाह देना, निर्णय लेना, तर्क व संवाद के कौशल को निखारना होगा तभी नौकरी मिल सकेगी। रिपोर्ट के मुताबिक नई नौकरियों के लिए खासतौर से देखभाल सेक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंटेंट क्रीएशन और मानवीय कौशल के क्षेत्र में अधिक मौके होंगे।
ष्कोविड-19 ने 2007-08 की आर्थिक मंदी के बाद सबसे तेजी से ऑटोमेशन को आगे बढ़ाया है। कोरोना से श्रम बाजार में मौजूद असमानताएं बढ़ी हैं जिससे 2008 के बाद धीरे-धीरे पैदा हुए रोजगारों पर संकट मंडराया है। ऐसे में सरकारों को जिम्मेदारी निभानी होगी और नौकरी गंवाने वालों की मदद के लिए तुरंत विशेष कार्ययोजना बनानी होगी। (सादिया जहिदी) प्रबंध निदेशक, विश्व आर्थिक मंच। अगले पांच साल तक भारत में नौकरी के लिए ध्यान रखने योग्य बातें: क्लाउड कंप्यूटिंग 98, इंक्रिप्शन व साइबर सुरक्षा 95, इंटरनेट ऑफ थिंग्स 90, बिग डाटा एनेलिटिक्स 88, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 81।

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