लखनऊ; उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जनता से कार्यों को शीघ्र सुचारू रूप से हो सके इसके लिए पूरी उत्साह से भरे अधिकारियों महत्त्व दिया है। काम काज संतोषजनक न होने के कारण प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया है। इसके पहले कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष द्वारा लगाये जा आरोपों के कारण बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों को तास के पत्ते की फेट दिया था। इसी को लेकर आज बड़े पैमाने पर 15 आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया।
योगी सरकार ने शुक्रवार की देर रात आठ जिलों के जिलाधिकारियों को हटाते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया है। तैनात होने वाले जिलाधिकारियों को तत्काल जिलों में जाकर कार्यभार ग्रहण करने का निर्देश दिया गया है। बदले गए जिलाधिकारियों में मेरठ, इटावा, सीतापुर, ललितपुर, सुल्तानपुर, ग़ाज़ीपुर, मऊ, संतकबीरनगर के शामिल हैं।
के बालाजी को मेरठ, श्रुति सिंह इटावा, विशाल भारद्वाज सीतापुर, ए दिनेश कुमार ललितपुर, रवीश गुप्ता सुलतानपुर, मंगला प्रसाद सिंह गाजीपुर, राजेश पांडेय मऊ, दिव्या मित्तल को संतकबीर नगर का जिलाधिकारी बनाया गया है। माना जा रहा है कि सुल्तानपुर व ग़ाज़ीपुर के डीएम समेत सभी को कामकाज ठीक न होने के कारण हटाया गया है। सुल्तानपुर में आक्सी मीटर की ख़रीद को लेकर हुए विवाद पर वहाँ के विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डीएम को हटाने के लिए कहा था। मेरठ के डीएम अनिल ढीगड़ा, इटावा के जितेंद्र बहादुर सिंह, सीतापुर के अखिलेश तिवारी, ललितपुर के योगेश कुमार शुक्ला, सुलतानपुर की डीएम सी इंदुमती और मऊ के ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी को हटाते हुए प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है।

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