मोदी जी: ऊधव मन भये दस-बीस, एक हतो तो कोरोना संग गयो, बेरोजगारी व भुखमरी संग गयो

मोदी जी: ऊधव मन भये दस-बीस, एक हतो तो कोरोना संग गयो, बेरोजगारी व भुखमरी संग गयो


लखनऊः  रविवार (27 सितंबर, 2020) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि गांव, किसान और देश का कृषि क्षेत्र ष्आत्मनिर्भर भारत, के आधार हैं तथा ये जितने मजबूत होंगे, आत्मनिर्भर भारत की नींव भी उतनी ही मजबूत होगी। आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम (मन की बात) की 69वीं कड़ी में अपने विचार व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कठिन दौर में कृषि क्षेत्र और देश के किसानों ने फिर अपना दमखम दिखाया।


मोदी जी मन बहुत ही चंचल होता है। यदि प्रत्येक व्यक्ति मन की बात मानकर काम करने लगे तो सामाजिक ताना-बाना ध्वस्त हो जाएगा। आज कोरोना काल में प्रत्येक व्यक्ति का ध्यान गोपियों जैसा हो गया है। इसी कड़ी में जनता ध्यान और मन रोजी-रोजगार के साथ ही कोरोना से बचाव करने में लगा है। सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी विधेयक ने तो सबका मन कृष्ण की तरह हर लिया है। इसलिए मोदी जी आपके मन की बात बहुत बार जनता से सुन लिया है। अब इतनी शक्तिी नहीं बची है कि आपके मन की बात सुनी जाए और समझी जाए। 


रोज सुबह अखबारों और इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा ज्ञात होता है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना से मृतकों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके साथ ही जनता के सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ी है। अपनी जान की परवाह किए बगैर जनता परिवारीजनों के भरण-पोषण में दिन-रात लगे हैं। इस बीच कमाने वाले व्यक्ति को चाहे कोरोना हो या फिर जान जाए। साथ ही सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोरोना से ज्यादा खतरा नौकरी जाने का है। 



इस समस्या से छोटे-बड़े दुकानदारों के साथ ही रोज कमाने-खाने वालों का जीना दुश्वार हो गया है। छात्रों का भविष्य चैपट हो गया है। उन बेरोजगार लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगे थे, लेकिन उनके ओवरएज का एक-दो माह शेष बचा था। अब ऐसे बेरोजगार लोगों की पूरी जिंदगी की मेहनत पर पानी फिर गया है। अब इनके सामने पकौड़ा तलने के शिवाय कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे बेरोजगार लोग सरकार से मांग की है कि कोरोना काल के समय को जोड़ने हुए उनके ओवरएज में अतिरिक्त छूट दी जाए। इस समय मोदी जनता आपके मन की बात सुनने लूली-लंगड़़ी हो गई। यदि आप चुनाव की तरह जादुई छड़ी घुमा दें तो शायद जनता को कुछ राहत मिल जाए और आपका चुनावी वायदा भी पूरा हो जाए। जनता चाहती प्रधानमंत्री अपना उद्वव ज्ञान काम करने में लगाएं।



मोदी ने हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ सफल किसानों तथा किसान समूहों का जिक्र करते हुए कहा कि बीते कुछ समय में कृषि क्षेत्र ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है और अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है। हरियाणा के सोनीपत जिले के किसान कंवर चौहान की कहानी बताते हुए मोदी ने कहा कि एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में बहुत दिक्कत आती थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में फल और सब्जियों को जब एपीएमसी कानून से बाहर कर दिया गया, तो इसका उन्हें और अन्य किसानों को फायदा हुआ।



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