लोकसभा में कृषि से जुड़े तीनों बिल पास हो गये, प्रधानमंत्री ने भरोसा दिया की एमएसपी और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी

लखनऊः भारत देश कृषि प्रधान देश है। यहां की 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है। यदि अर्थव्यवस्था को दुरूस्त रखना है तो खेती-किसानी जुडे़ प्रत्येक पहलू पर ध्यान देना होगा। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा। यहां तक कृषि विशेषज्ञ भी नौकरी के लिए नहीं दौड़ेंगे। इसके लिए शासन-प्रशासन को पूरे मनोयोग के साथ इस पर काम करना होगा। 




किसानों का देशभर में विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। इसके बावजूद लोकसभा में कृषि से जुड़े तीनों बिल पास हो गये। अब ये बिल राज्यसभा में जायेंगे। लोकसभा में इस बिल का कांग्रेस, लेफ्ट और डीएमके ने तो विरोध किया ही, भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल ने भी विरोध किया। वहीं बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को भरोसा दिया कि  एमएसपी और सरकारी खरीद  व्यवस्था बनी रहेगी। 




केंद्र सरकार ने संसद के मौजूदा मानसून सत्र के पहले ही दिन किसानों से संबंधित कृषिक उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सुविधा प्रदान करना, विधेयक 2020, कृषि सशक्तिकरण और संरक्षण, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु संशोधन, विधेयक 2020 पेश किया था जो गुरुवार को लोकसभा में पास हो गया। हालांकि बिल का विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया और वोटिंग से पहले वॉकआडट कर लिया। गुरुवार को लोकसभा में कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य संवर्धन और सरलीकरण, विधेयक, 2020 और कृषक सशक्‍तिकरण व संरक्षण, कीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 लोक सभा से पारित हुआ, जबकि एक आवश्यक वस्तु संशोधन, विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका है।


कृषि अध्यादेशों के खिलाफ बढ़ रहा विरोध, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने दिया इस्तीफा 


कृषि अध्यादेशों के खिलाफ देश में विरोध बढ़ता जा रहा है। किसानों से जुड़े इस नए बिल के विरोध में आज केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपना इस्तीफा दे दिया है। वहीं मध्य प्रदेश में किसानों ने कृषि अध्यादेशों के खिलाफ आज हुंकार रैली निकाल कर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध जताया।





 

 

 

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