मध्य प्रदेश में रेलवे विभाग को 50 साल बाद आई अपनी जमीन की याद, जमीन खाली करने के लिए ग्रामीणों को भेजी नोटिस


लखनऊः मध्य प्रदेश के कैमा उन्मूलन गाँव में दो हजार की आबादी वाले आदिवासी बस्ती में ग्रामीणों की मुश्किले बढ़ गईं हैं। लगभग 50 साल बाद रेलवे ने इस बस्ती के लोगों को जमीन खाली करने के लिए नोटिस भेजा है। गाँव में रेलवे से नोटिस पाने वालों ने बताया कि हमारी बस्ती है, वह 1970 में बसी थी, 50 साल से हम लोग रह रहे हैं, यहाँ रहते-रहते हम लोगों की दो-तीन पीढ़ियाँ खत्म को गईं, तो कैसे हम लोग अपना घर छोड़ दें, रेलवे विभाग गांव वालों को नोटिस जारी कर रहा है। बस्ती बसने के बाद रेलवे आया था तो बताइए कैसा अवैध कब्ज़ा हो गया। 


गांव के ही एक बुजुर्ग ने बताया कि गाँव की ओर से सन 1984 में रेल लाइन निकली थी। तब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका शिलान्यास भी किया था और उससे पहले 1970 से हम यहाँ रह भी रहे हैं। ऐसे में बताएं कि हम अवैध हैं या रेलवे, यह गाँव सतना जिले की सोहावल जनपद पंचायत में आता है जिसकी आबादी लगभग 2000 है। इसी आबादी का एक हिस्सा उस आदिवासी बस्ती में रहता है जिसे उजाड़ने की लिए रेलवे विभाग नोटिस पर नोटिस दे रहा है। अब तक तीन बार नोटिस आ चुकी है और 18 सितंबर तक गाँव वालों को चेतावनी दी गई थी। अब इन ग्रामीणों को 30 दिन की और मोहलत दी गई है। 

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