उत्तर प्रदेश सरकार का जनविरोधी फरमान बिजली उपभोक्ता परेशान

 लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार इस महामारी के समय जन विरोधी अभियान चला रखा है। इस अभियान के तहत घरेलू बिजली उपभोक्ता काफी परेशान है।अभी तक लोग महामारी से उबर नहीं पाए थे की शनिवार को घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली कनेक्शन काट दी गई जिनका 5000 के ऊपर बकाया था। इतना ही नहीं जो लोग किसी तरह पैसे का व्यवस्था पर बकाया जमा करने गए तो वहां पर ₹700 दोबारा अलग से लिए गए।

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करोना महामारी के चलते हैं बहुत सारे प्रवासी मजदूरो रोजी रोजगार चले जाने के बाद उनके घर में कोरोना से पीड़ित लोग इलाज के अभाव में काफी परेशान। कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके घर शाम को चूल्हा जलाने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

उत्तर प्रदेश सरकार के फरमान के बाद शनिवार बिजली विभाग में बड़े पैमाने पर फोन घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली काट दी जिनका 5000 से ऊपर बिजली बिल बकाया था। इतना ही नहीं जब लोग बिजली बिल जमा करने गए तो बकाए के साथ ही ₹700 अलग से कनेक्शन के लिए गए। जबकि प्रीपेड मीटर फ्री कनेक्शन करने के लिए किसी भी संजय मिस्त्री की जरूरत नहीं है। 

प्रीपेड में बकाया भुगतान करने पर शीघ्र ही बिजली कनेक्शन चालू हो जाना चाहिए। लेकिन ऐसा ना करके यह बताया गया कि जब भुगतान पूरा हो जाएगा उसके बाद मैसेज जाएगा उसके 2 घंटे बाद कनेक्शन चालू हो जाए। कुछ उपभोक्ताओं ने बताया पूरा भुगतान करने के बाद भी हमारे बिजली चालू नहीं हो पाई।

ठाकुरगंज बिलिंग पर एक उपभोक्ता मोहम्मद वसीम ने  यहा तक बताया कि हमने घर के बर्तन बेचकर, साहूकारों से कर्ज लेकर किसी तरह बकाया जमा करने के लिए पैसे की व्यवस्था की लेकिन यहां पर ₹700 अलग से लेने के लिए बोला गया। हमारे घर में हमारी बुजुर्ग मम्मी बीमार है जो इस समय भीषण गर्मी में बिना बिजली के रहना उनके जान को खतरा है। उपभोक्ताओं ने सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी से उबरने के लिए  कुछ महीने के लिए बकाया भुगतान करने की मोहलत दी जाए। साथ ही जो ₹700 कनेक्शन के लिए जा रहे हैं इस कानून को रोका जाए।

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