महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों को अधिक प्रभावित करता कोरोना वायरस


कोरोना वायरस का  दुनिया के तमाम देशों में इलाज ढूंढ़ा जा रहा है, जहां कुछ को पहले-दूसरे चरणों में सफलता भी मिली है, वहीं कोविड-19 से जुड़ी कई बातें अभी भी धीरे-धीरे लोगों के सामने आ रही हैं। एक सवाल ये भी है कि क्या ये वायरस महिलाओं और पुरुषों के शरीर को समान तरीके से प्रभावित करता है, या फिर किसी एक को इससे अधिक खतरा है। हाल में हुए एक अध्ययन के अनुसार स्वास्थ्य विशेषज्ञ ऐसा मान रहे हैं कि कोविड 19 का संक्रमण महिलाओं और पुरुषों को एक तरह से ही होता है, लेकिन ये पुरुषों के शरीर पर अधिक असर डालता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जब से इस महामारी की शुरुआत हुई है, तब से आए आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुरुषों के शरीर के लिए ये वायरस बेहद खतरनाक साबित हुआ है। आमतौर पर मर्दों को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग का डर ज्यादा होता है। इसके अलावा, औरतों की तुलना में पुरुष धूम्रपान भी अधिक करते हैं जिससे फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है।

महिलाओं में इम्युनिटी ज्यादा होती है, साथ ही किसी भी बीमारी से लड़ने की ताकत भी ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि महिलाओं की बॉडी में ओइस्ट्रोजेन मौजूद होते हैं जो कि इम्युनिटी को बढ़ाने में मददगार होते हैं। साथ ही संक्रमण के खतरे को भी कम करते हैं। वहीं, पुरुषों में पाया जाने वाला टेस्टोस्टीरोन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमत को कम करते हैं।

देश के विभिन्न अस्पतालों से मिले डाटा में कोरोना वायरस के कारण हुई मौतों में 65 प्रतिशत पुरुष हैं और 35 प्रतिशत महिलाएं। अध्ययन के मुताबिक पुरुषों के शरीर में एस-2 रिसेप्टर्स (Ace-2 Receptors) की अधिकता होती है। बता दें कि ये रिसेप्टर कोविड-19 के लिए एक ‘एंट्री गेट के रूप में कार्य करता है।’ मर्दों के फेफड़ों, आंत और दिल में ये रिसेप्टर अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।

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