लखनऊः पंचायत चुनाव-2020 में पूरी तैयारी से मैदान में उतरेंगी महिलाएं, एक तिहाई आरक्षण का दिखने लगा असर। महिलाओं को पंचायतों में मिले एक तिहाई आरक्षण का असर अब नजर आने लगा है। पिछले चुनाव से लेकर अब तक ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत में महिलाओं का प्रदर्शन पुरुषों के मुकाबले लगभग ठीक रहा है।
बाराबंकी के मसौली ब्लाक की चंदवारा ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान प्रकाशिनी जायसवाल ने तो कमाल कर दिया है। 2016-17 से लगातार तीन साल से उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है। 2020 में 2018-19 के मूल्यांकन वर्ष के लिए तो उन्हें नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार भी मिला।
सुल्तानपुर के ब्लाॅक मोतिगरपुर की ग्राम पंचायत दियरा की प्रधान सुनीता गुप्ता और हरसायन नागपुर की प्रधान कमला वर्मा को मूल्यांकन वर्ष 2018-19 के लिए पं.दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। दोनों महिला प्रधानों को क्रमशः 10 व 8 लाख रुपये पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र दिए गए।
सुनीता ने अपने गांव में 825 व्यक्तिगत शौचालय बनवाए। एक बेटे दो बेटियां और की मां सुनीता गांव के उत्थान के लिए पूरी तरह समर्पित रहती हैं, पति भी एक राजनीतिक दल के जिलाध्यक्ष हैं। मगर सुनीता ने कहा कि उनके काम में उनके पति दखल नहीं देते। कमला वर्मा हाईस्कूल पास हैं। उनका भी कहना है कि उन्हें गांव के कामकाज में पति या घर के अन्य पुरुष सदस्यों की तरफ से कोई रोक-टोक नहीं होती।
प्रकाशिनी के पति रितुराज जायसवाल जीवनसाथी होने के नाते उनके साथ तो हैं, मगर उनके सार्वजनिक जीवन में वह उनके पीछे ही रहते हैं। वह खुद एक आटोमोबाइल कम्पनी में जीएम हैं। ग्रेज्यूएट प्रकाशिनी अपनी घर-गृहस्थी की ही तरह वह अपने गांव की भी सेवा करती हैं। उनके गांव में आधुनिक स्कूल, सीसीटीवी कैमरे, कूड़ाघरए डस्टबिन, हर घर में शौचालय, एक सामुदायिक शौचालय निर्माणाधीन है। उनका कहना है कि सरकार हमें जो फंड देती है वह गांव के लोगों की सेवा के लिए मिलता है तो उसका सही इस्तेमाल होना ही चाहिए।

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