लखनऊः बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जौनपुर और वाराणसी में डा. आंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने की घटनाओं को लेकर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार और पूर्ववर्ती सपा सरकार पर जमकर एक साथ निशाना साधा है। शुक्रवार को अपने ट्वीटर हैंडल पर उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सरकार में ब्राह्रमणों और दलितों का चुन-चुन कर उत्पीड़न किया गया था।
1. सपा सरकार में जैसे ब्राह्मणों व दलितों का चुन-चुन कर उत्पीड़न किया गया था तो अब वैसे ही वर्तमान भाजपा सरकार में भी इनके साथ-साथ मुसलमानों का भी काफी उत्पीड़न किया जा रहा है। इनको जबरन् गलत मामलों में फँसाया जा रहा है, जो अति दुःखद। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) September 4, 2020
बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि इनको जबरन गलत मामलों में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अति दुःखद है। एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए मायावती ने कहा कि जिस प्रकार से सपा सरकार में दलितों के मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर और इनके महान सन्तों और गुरुओं की मूर्ति तोड़ी गई और उनके नाम पर रखे गये जिलों व संस्थानों आदि के नाम भी बदल दिए गए। ठीक उसी प्रकार अब वर्तमान भाजपा सरकार भी चल रही है। अब तो उनके मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर की भी मूर्ति तोड़ी जा रही है।
2. साथ ही, जिस प्रकार से सपा सरकार में दलितों के मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व इनके महान् सन्तों व गुरुओं की मूर्ती तोड़ी गई तथा उनके नाम पर रखे गये जिलों व संस्थानों आदि के नाम भी काफी बदल दिये गये। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) September 4, 2020
गौरतलब है कि जौनपुर जिले के सुजानगंज थाना क्षेत्र के मिश्रमऊ गांव में स्थापित डाण्आंबेडकर की प्रतिमा को चबूतरे से उखाड़कर गायब कर देने की घटना गुरुवार को सामने आई थी। इससे गांव में तनाव फैल गया था। इस करतूत से लोग उग्र हो गए। गांव के ही एक व्यक्ति पर आरोप लगाते हुए लोगों ने प्रदर्शन भी किया। मौके पर पहुंची पुलिस को लोगों का विरोध झेलना पड़ा। बाद में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी को हिरासत में ले लिया है। तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके पहले वाराणसी के फुलपुर इलाके के एक गांव में सड़क पर लगी डॉ आंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने की घटना सामने आई थी। घटना के बाद गांव वालों ने इलाके में घंटो चक्का जाम रखा और हंगामा किया था। एसडीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए थे और मूर्ति लगने के बाद भीड़ इलाके से हटी थी।

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