लखनऊः अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को हुए विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 28 साल बाद 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी। फैसला देने से पहले कोर्ट के सामने सीबीआई के विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के सामने 351 गवाहों को पेश किया। वहीं करीब 600 दस्तावेज भी साक्ष्य के रूप में पेश किए। पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने पर बुधवार को आ रहे फैसले पर सांसद हरि साक्षी महाराज ने कहा कि राम काज के लिए हर सजा पाने को तैयार हैं। न्यायालय का हर फैसला स्वीकार होगा। विवादित ढांचा देश के माथे पर कलंक था।
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने एक बार कोर्ट में कहा था कि रामजी के लिए 24 घंटे नहीं बल्कि पूरी जिंदगी जेल में रहना पड़े तो भी स्वीकार है, लेकिन राम मंदिर बनना चाहिए। अच्छी बात यह है कि हम लोग आंदोलनकारी हैं। वह सुबह लखनऊ पहुंच जाएंगे। वह पहले ही न्यायालय में सब स्थिति स्पष्ट कर चुके है। सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि अयोध्या की लड़ाई हमने जीत ली है। अब बात काशी और मथुरा की होगी। भव्य मंदिर के शिलान्यास के साथ ही राजनीति में आना सफल हो गया है। अयोध्या में प्रभु राम भगवान का दिव्य ऐतिहासिक मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है।

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