सोमवार को सदन के आठ सदस्यों को अनुशासनहीनता के कारण राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने निलंबित कर दिया


सोमवार को राज्‍यसभा में कृषि बिल पर हंगामा करने वाले सदन के आठ सदस्यों को अनुशासनहीनता के कारण राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने निलंबित कर दिया है। राज्‍यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने कहा कि यह सदन के लिए बुरा दिन था। उन्‍होंने सांसदों से रविवार की घटना पर आत्‍मनिरीक्षण करने को कहा।

राज्यसभा में रविवार को भारी हंगामा हुआ था। जब सरकार ने कृषि विधेयकों को पारित कराना चाहा, तो कई विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी की। फिर चेयर के पास पहुंचकर दस्‍तावेज फाड़ दिए। उपसभापति हरिवंश इन सांसदों को कोरोना वायरस की याद दिलाते रहे मगर उन्‍होंने एक न सुनी। हंगामा इतना बढ़ गया कि मार्शल को हस्‍तक्षेप करना पड़ा। बाद में सदन की कार्यवाही को स्‍थगित करना पड़ गया।

कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान रविवार को राज्‍यसभा में जो कुछ भी हुआ, सभापति एम. वेंकैया नायडू उससे खासे नाराज दिखे। सरकार ने आठ विपक्षी सदस्यों को मौजूदा सत्र के बाकी समय के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। सस्‍पेंड किए सांसदों में कांग्रेस के तीन, तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई (एम) के दो-दो और आम आदमी पार्टी का एक सदस्‍य शामिल है। नायडू ने यह भी साफ किया कि डिप्‍टी चेयरमैन के खिलाफ विपक्षी सांसदों की तरफ से लाया गया अविश्‍वास प्रस्‍ताव नियमों के हिसाब से सही नहीं है। सभापति की इस कार्रवाई के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा। इसके बाद राज्‍यसभा को सुबह 10 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दिया गया।


 

राज्यसभा के ये सदस्य हैं. डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), संजय सिंह (आप), राजू सातव (कांग्रेस), केके रागेश (सीपीएम), रिपुन बोरा (कांग्रेस), डोला सेन (टीएमसी), सैय्यद नासिर हुसैन (कांग्रेस) और इलामारन करीम (सीपीएम)। सभापति ने कहा,  डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैय्यद नासिर हुसैन और इलामारन करीम को चेयर के प्रति ख़राब बर्ताव करने पर हफ़्ते भर के लिए निलंबित किया गया है।



राज्यसभा में रविवार की घटना को लेकर सत्तापक्ष ने की कड़ी निंदाः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, जहां तक मैं जानता हूं, ऐसा राज्यसभा और लोकसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ। राज्यसभा में होने वाली यह बहुत बड़ी घटना है। जो हुआ वह सदन की गरिमा के खिलाफ था। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष के व्यवहार को हिंसक बताया। उन्होंने कहा कि सभापित के कई बार कहने के बाद भी वे अपने सीट पर नहीं गए। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में राजनाथ सिंह और नकवी के अलावा, प्रकाश जावड़कर, थावरचंद गहलोत, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी मौजूद थे।



 


 

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