मशहूर शायर राहत इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन, कभी कहा था 'मैं जब मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना, लहू से मेरी पेशानी पर हिंदुस्तान लिख देना'

RAHAT INDORI PASSES AWAY DUE TO CARDIAC ARREST

LUCKNOW: मशहूर शायर राहत इंदौरी(RAHAT INDORI) का दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार को निधन हो गया। कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे, जिसके उपचार के लिए उन्हें मध्य प्रदेश के इंदौर में 10 अगस्त की देर रात अरविंदो अस्तपाल में भर्ती कराया गया था।


राहत इंदौरी ने खुद भी ट्विटर पर इस बात की जानकारी दी थी। उन्होंने लिखा था, 'कोविड के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं, दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं। एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फ़ोन ना करें, मेरी ख़ैरियत ट्विटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी। '



छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी ने बताया, "इंदौरी के दोनों फेफड़ों में निमोनिया था और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था." उन्होंने बताया, "सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें आईसीयू में रखा गया था और ऑक्सीजन दी जा रही थी. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद हम उनकी जान नहीं बचा सके.

कवि कुमार विश्वास ने कहा कि हे ईश्वर ! बेहद दुखद ! इतनी बेबाक़ ज़िंदगी और ऐसा तरंगित शब्द-सागर इतनी ख़ामोशी से विदा होगा,कभी नहीं सोचा था ! शायरी के मेरे सफ़र और काव्य-जीवन के ठहाकेदार क़िस्सों का एक बेहद ज़िंदादिल हमसफ़र हाथ छुड़ा कर चला गया. उन्होंने कहा, ''हमारे मुँह से जो निकले वही सदाक़त है. हमारे मुँह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है ? जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे. किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है...?''



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