जयपुर: जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर लगी मुहर मॉडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर दिया जाएगा । बीते मई महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत देश के अलग.अलग सेक्टर को कर्ज देकर आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश हो रही है।
वहीं, कुछ सेक्टर में निजीकरण का भी विस्तार किया जा रहा है। इसी में से एक सेक्टर एविएशन का है। दरअसल, आत्मनिर्भर अभियान के तहत सरकार ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को सार्वजनिक निजी भागीदारी पीपीपी मॉडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर देने का फैसला किया है। ये एयरपोर्ट 50 साल के लिए मैसर्स अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के कब्जे में आ गए हैंण् दरअसलए इसके लिए नीलामी के जरिए टेंडर मंगाया गया था। सबसे ज्यादा बोली अडानी ग्रुप ने लगाया है।
पीपीई मॉडल का मतलब पूरी तरह से निजीकरण नहीं है। इसमें सरकार के अधीन आने वाली एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की भी भागीदारी रहेगीण् फिलहालए पीपीई मॉडल के तहत 50 साल तक के लिए एयरपोर्ट को लीज पर दिया गया हैण् इसके बाद ये तीनों एयरपोर्ट फिर से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को वापस मिलेंगे।
क्या बदल जाएगाः पीपीई मॉडल के तहत तीनों एयरपोर्ट का ऑपरेशन। मैनेजमेंट और डेवलपमेंट निजी कंपनी करेगी। यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर पार्किंगए बिल्डिंग के अंदर सभी दुकानों का संचालन निजी कंपनी करेगीण् इसके अलावा एयरलाइंस के साथ ग्राउंड हैंडलिंग से संबंधित सभी कार्य निजी कंपनी करेगी।

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