लखनऊ: सीतापुर जेल में बंद सपा सांसद आजम खां और उनके परिवार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। योगी सरकार प्रदेश में अवैध निर्माण करने वालों पर शिकंजा कसती जा रही है। बाहुबली मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलने के बाद अब रामपुर में सांसद आजम खान के हमसफर रिसोर्ट को तोड़ने के लिए नोटिस जारी हुई है।
ग्रीन बेल्ट और सड़क की जमीन को कब्जा कर बनाए गए सपा सांसद आजम खां के हमसफर रिसोर्ट को अब ध्वस्त किया जाएगा। रामपुर विकास प्राधिकरण ने जिला पंचायत द्वारा जारी किए गए रिसोर्ट के नक्शे को अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर स्वीकृत करने और स्वीकृत नक्शे में दिए गए नियमों की अनदेखी करने पर नक्शे को निरस्त कर दिया है। साथ ही ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं। आरडीए ने इस संबंध में रिजॉर्ट मालिक सीतापुर जेल में बंद शहर विधायक तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम को नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के भीतर अपना कब्जा हटाने के आदेश दिए हैं। इसके बाद भी यदि कब्जा नहीं हटाया गया तो आरडीए खुद इसे धवस्त कर देगा साथ ही इसका खर्चा भी वसूलेगा।
अब रामपुर विकास प्राधिकरण ने सपा सांसद के परिवार पर शिकंजा कसा है। रामपुर विकास प्राधिकरण ने कुछ समय पहले बिना नक्शे के हमसफर रिसॉर्ट बनाने के मामले में नोटिस जारी किया था। उस वक्त पहले यह नोटिस सपा सांसद के बेटे अब्दुल्ला आजम खां के नाम पर दिया गया, लेकिन बाद में बताया गया कि यह होटल अब्दुल्ला के नाम पर न होकर सपा सांसद की शहर विधायक पत्नी डा. तजीन फातिमा के नाम पर है। इस पर आरडीए ने संशोधित नोटिस भी जारी किया।
इसके जवाब में तजीन फातिमा ने जिला पंचायत द्वारा वर्ष 2014 में जारी किया गया मानचित्र आरडीए में पेश किया गया। मगर, आरडीए ने इस मानचित्र को यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि जिला पंचायत को उनके अधिकार क्षेत्र में मानचित्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। आरडीए ने इस बात का भी हवाला दिया है कि जिन शर्तों पर जिला पंचायत ने मानचित्र जारी किया उन शर्तों का भी उल्लंघन किया है। आरडीए ने अब इस मामले में जिला पंचायत द्वारा जारी नक्शे को निरस्त करते हुए उसे शून्य घोषित कर दिया है। साथ ही इस रिसोर्ट को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए हैं।
जेपी गुप्ता, सचिव आरडीए ने बताया कि आरडीए की ओर से इस संबंध में सपा सांसद आजम खां की पत्नी डा. तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खां को सीतापुर जेल में नोटिस भेजा है। साथ ही उनको 15 दिन के भीतर अपना कब्जा हटाने के आदेश दिए हैं। कब्जा न हटाने पर आरडीए खुद ही कब्जा हटवाएगा, जिसका खर्चा भी आरडीए वसूलेगा।



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