लखनऊः सपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में भाजपा राज में जितनी किसानों की बर्बादी हुई है। पहले कभी नहीं हुई थी। धान की फसल के लिए किसान खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। यूरिया खाद सहकारी साधन समितियों से गायब है।
पूर्व मुख्यमंत्री व प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में किसानों के हालात बद से बदतर है किसानों को समय से खाद नहीं मिल पा रही है। साधन सहकारी समितियों के गोदाम यूरिया से खाली पड़े हैं। खाद के लिए किसानों को दर-दर ठोकरें खाना पड़ रहा है। मजबूरन किसान निजी दुकानदारों से महंगे दामों पर खाद खरीद रहे।
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गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ों रुपया बकाया है। किसानों का अपमान करने के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य एसआरपी में मात्र ₹10 रुपये प्रति प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी कर ₹285 क्विंटल तय किया है। उन्होंने सवाल किया कि किसानों की आय दोगुनी कब होगी। किसान इंतजार कर रहा है कि घोषित राहत पैकेज में उनकी रकम कहां है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा राज में किसान आपदाओं में अभिशप्त है किसान अन्नदाता है, लेकिन भाजपा उसकी हित चिंता से बेपरवाह है।
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किसानों की मौत पर भी उसकी संवेदना नहीं जागती है। अब किसानों ने अपनी आय दोगुना करने का झांसा देने वालों से बदला लेने के लिए 2022 निश्चित कर रखा है। खरीफ की फसल के लिए यूरिया की जरूरत है लेकिन अधिकतर साधन सहकारी समितियों के गोदाम खाली हैं। अमरोहा में खाद वितरण में घोटाला मिला है। हरदोई में यूरिया के नाम पर कालाबाजारी चल रही है। बाराबंकी के जिलाधिकारी ने खुद अपनी जांच में गड़बड़ी पाई है। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में 23250 विक्रेताओं की सूची बनी है।
यदि सरकार जमीनी हकीकत जानना चाहती है तो थोड़ा गांव में जाकर के देखें और जांच कराएं की वास्तविकता क्या है। पता चल जाएगा कि किसानों को खाद मिल रही है या नहीं। गोदामों में खाद है या नहीं। साथ ही अधिकांश किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं मिल पा रहा है। जिससे किसानों में काफी रोष है और अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। यह आने वाले समय में बड़े बदलाव में परिवर्तित होगा।
देवरिया सदर सीट से भाजपा विधायक श्री जन्मेजय सिंह जी का निधन अत्यंत दुखद! दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिवार को दुख सहन करने की शक्ति दे भगवान।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 21, 2020
इस जनपद में भाजपा के पांच विधायक,एक मिनी मुख्यमंत्री, एक सांसद ,एक जिला पंचायत अध्यक्ष , दो दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और न जाने कितने आयोग के सदस्य और कितने मठाधीश है और यहाँ भी किसान यूरिया के लिये सड़को पर संघर्ष कर रहा हैं ! #NoMoreBJP pic.twitter.com/8cb209CJQk
— Anshuman Singh. (@AnshumanSP) August 21, 2020

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