यदि इंसान स्वास्थ है तो वह बैठ नहीं सकता। खाली दिमाग से कुछ न कुछ करने की सोचता रहता है। माना जाता है कि स्वास्थ्य इंसान के अंदर मौजूद ऊर्जा और अधिक सक्रिय हो जाती है। इसी तरह कोरोना महामारीऔर लॉकडाउन के वक्त का कई लोगों ने इस खाली समय को बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया है। इस दौरान घर में रहकर ही लोगों ने अपनी स्किल्स को डेवलप किया है। खासकर इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर चुके युवाओं ने इस वक्त को भरपूर भुनाया है। एक सर्वेक्षण के मुताबिक ज्यादातर इंजीनियरिंग स्नातकों ने कोरोना महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान खाली वक्त का इस्तेमाल ऑनलाइन स्किल डेवलप कार्यक्रमों में किया।
सर्वेक्षण के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान सभी शिक्षण संस्थान बंद रहे, लेकिन इससे डिजिटल शिक्षा के नए आयाम भी खुले और उसके सर्वेक्षण में 94 फीसदी इंजीनियरिंग स्नातकों ने कहा कि उन्होंने घर पर रहने के दौरान इस वक्त का इस्तेमाल नया कौशल सीखने के लिए किया, ताकि हालात सामान्य होने पर उनका रिज्यूमे अधिक प्रभावशाली हो। यह सर्वेक्षण देशभर में 10 से 14 अगस्त के बीच 1,100 से अधिक इंजीनियरिंग स्नातकों के साथ ऑनलाइन साक्षात्कार पर आधारित है। ब्रिजलैब्ज की स्थापना मौजूदा इंजीनियरों के बीच कौशल की कमी को पूरा की गई थी। ताकि उन्हें नौकरी के लिए अधिक बेहतर ढंग से तैयार किया जा सके। सर्वेक्षण में 42 फीसदी लोगों ने कहा कि किसी सवाल के समाधान के लिए ऑनलाइन लाइव सेशन अधिक उपयोगी हैं, जबकि 21 फीसदी ने ऑफलाइन कक्षाओं पर आधारित शिक्षा को बेहतर बताया।इस सर्वे में 72 फीसदी लोगों ने श्वर्क फ्रॉम होमश् यानी घर पर रहकर काम करने की इच्छा जताई, जबकि 28 फीसदी लोग वापस ऑफिस में जाकर काम करना चाहते हैं। नौकरी के बारे में 90 फीसदी लोगों ने कहा कि वे रेगुलर और फुल.टाइम नौकरी पसंद करते हैं।

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