
लखनऊ अब आउटसोर्सिंग से की जाने वाली भर्तियां जेम पोर्टल के जरिए करना अनिवार्य कर दिया है। जेम पोर्टल से सामान की खरीद पहले से ही अनिवार्य है।जेम पोर्टल से चयनित सेवाप्रदाताओं को सेवायोजन पोर्टल सेवायोजन.यूपी.निक.इन पर पंजीकरण कराना होगा। रिक्तियां पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी। रिक्तयां के सापेक्ष एक कर्मी के लिए पांच गुना आवेदकों, दो या दो अधिक कर्मियों की मांग पर तीन गुना आवेदनकर्ताओं में से पारदर्शी तरीके से चयन किया जाएगा। सरकारी विभागों और संस्थाओं को अब सभी प्रकार के अधिकारियों और कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की भर्तियों के लिए जेम पोर्टल का उपयोग करना अनिवार्य होगा। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चंद्रा ने आदेश जारी कर दिया है।
पोर्टल पर अपलोड रिक्तियों के सापेक्ष आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या सेवा प्रदाता को उपलब्ध कराई जाएगी। सेवा प्रदाता को इन अभ्यर्थियों में से चयन की कार्यवाही करनी होगी। यदि मांग के अनुसार निर्धारित संख्या में अभ्यर्थियों ने आवेदन नहीं किया तो पोर्टल पर तारीख बढ़ाकर अन्य अभ्यर्थियों को आवेदन का मौका दिया जाएगा। सेवा प्रदाता द्वारा पूर्व में कर्मियों को शामिल करते हुए आउटसोर्सिंग की रिक्तियों की गणना की जाएगी।जेम के माध्यम से आउटसोर्स कर्मी लेने की अनिवार्यता किए जाने से वर्तमान में कार्य कर रहे आउटसोर्स कर्मियों की निरंतरता बंद नहीं होनी चाहिए। केवल नए कर्मी ही सेवायोजन पोर्टल से लिए जाएंगे।
यह भी फैसला किया गया है कि जेम पोर्टल में कुछ नई शर्तें जोड़ी जाएंगी। इन शर्तों के तहत ही नए अनुबंध होंगे। नई शर्तों से आउटसोर्सिंग से रखे जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के शोषण पर अंकुश लगेगा। अनुबंध करने वाली कंपनियां इनका शोषण नहीं कर सकेंगी। आउटसोर्सिंग की नियुक्तियों में होने वाले भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी। कर्मचारियों को कंपनी द्वारा तंग किए जाने पर दंड का प्राविधान किया जाएगा। यह नई शर्तें सूक्ष्मए लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा जोड़ी जाएंगी। इसमें सेवायोजन विभाग द्वारा अपने पोर्टल में कैंडीडेट को वरिष्ठता क्रम में रखने तथा पोर्टल पर आवेदन कर्ताओं में रैंडम चयन की व्यवस्था के लिए संशोधन का प्राविधान है।
सूक्ष्मए लघु एवं मध्यम उद्यम तथा सेवायोजन विभागों द्वारा व्यवस्थाओं के संबंध में कार्मिक विभाग द्वारा शासनादेश जारी किए जाने की तारीख से 45 दिन में हर दशा में प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अभी प्रचलित आउटसोर्सिंग अनुबंध इस नई व्यवस्था के लागू होने से स्वतरू समाप्त नहीं होंगेए बल्कि उनके अनुबंध की वैधता की अवधि तक लागू रहेगी।
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