लखनऊः गोंडा में कोरोना वायरस ने अदालत पर दस्तक दे दी है। सूचना मिलते ही जिला जज ने एक दिन के लिए सभी अदालतों को बंद करने का आदेश दे दिया। सोमवार को सभी न्यायालयों व चैंबरों तथा दफ्तरों को सैनिटाइज किया गया। इस दौरान किसी भी अधिवक्ता व वादकारी को सिविल कोर्ट परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
गोंडा जिले में कोरोना ने अदालत में लगाई हाजिरी , बंद हुई कोर्ट, किया गया सैनिटाइज
रविवार को जैसे ही अदालत के न्यायिक कर्मचारी के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। शीघ्र कर्मचारियों में खलबली मच गई। सूचना मिलते ही जिला जज संजय शंकर पांडेय ने सोमवार को सभी अदालतों को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया। सिविल कोर्ट परिसर के अंदर किसी भी अधिवक्ता अथवा वादकारी के प्रवेश पर रोक लगाकर गेट बंद कर दिया गया।
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जिला जज के आदेश पर सभी अदालतों, चैंबरों व दफ्तरों को सैनिटाइज किया गया। वादकारियों को कचहरी बंद होने की सूचना न मिलने के कारण वह पेशी पर आये थे, लेकिन कचहरी बंद होने की जानकारी होने पर उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। कचहरी में कोरोना के संक्रमण को लेकर अधिवक्ताओं व कर्मचारियों में भय व दहशत का माहौल व्याप्त है।
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वकीलों ने कचहरी को बंद करने की मांग की.बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर वकीलों में भय व दहशत व्याप्त है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीनानाथ त्रिपाठी एशिव प्रकाश शुक्लाए उपेंद्र मिश्रा एविवेकमणि श्रीवास्तव ए विंदेश्वरी प्रसाद द्विवेदीए राम कृपाल शुक्लाएदया नंद मिश्राए कन्हैया लाल ओझा आदि अधिवक्ताओं ने बताया कि कोरोना महामारी में कचहरी को कुछ दिन के लिए बंद कर देना चाहिए।जिससे लोग कोरोना संक्रमण से बच सकें। जब कचहरी खुली रहती है तो अधिवक्ताओंए मुंशियों व वादकारियों को कचहरी आना मजबूरी होती है। लेकिन जब अवकाश घोषित हो जायेगा तो लोग अपने घरों पर सुरक्षित रह कर कोरोना संक्रमण से बच सकेंगे।
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