लखनऊ: धान की फसल को समय से खाद नहीं मिला तो फसल कमजोर हो जाएगी। इसका सीधा असर पैदावार पर पड़ेगा मौजूदा हालात यह है कि सहकारी समितियों के ज्यादातर गोदाम खाली पड़े हैं। संपन्न किसान तो बाजार से महंगे दाम पर यूरिया खरीद कर जरूरत पूरी कर रहे हैं, लेकिन करोना कॉल में आर्थिक रूप से टूट चुके किसान महंगी यूरिया खरीदने की हालत में नहीं है। फसल की अच्छी पैदावार हो इसके लिए किसान खेत में यूरिया का छिड़काव करते हैं, लेकिन राजधानी में साधन सहकारी समितियों पर यूरिया की कमी से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यहां समितियों के ज्यादातर गोदाम खाली पड़े हैं।
किसान गोदामों से खाली हाथ लौट रहे हैं। ऐसे में किसानों को निजी दुकानों से महंगे दामों पर खाद लेनी पड़ रही है।अधिकतर किसानों का कहना है कि सहकारी साधन समितियों पर यूरिया का दाम लगभग ₹267 प्रति बोरी है। यहां खाद उपलब्ध ना होने से किसान निजी दुकानों से 350 से लेकर 400 प्रति बोरी यूरिया खरीदने को मजबूर हैं। लखनऊ जिले के नगराम इलाके में समिति की सातों गोदाम खाली पड़े हैं। वही मलिहाबाद में 10 में 6 समितियों पर खाद खत्म है। सरोजिनी नगर का भी बुरा हाल है। यहां वीडियो राजेश कुमार ने कहा कि क्षेत्र में 11 साधन सहकारी समितियों में से पांच समितियां बंद है।
किसानों का यह भी कहना है कि जिसके पास आधार कार्ड नहीं है उन्हें समितियों से खाद नहीं मिल रही है। विकासखंड माल में 10 में से 2 समितियों पर यूरिया मिल रही है। इटौंजा, बीकेटी में किसान निजी दुकानों के सहारे हैं। मोहनलालगंज इलाके में सहकारी समितियां फेल हैं। यहां के सिसेंडी साधन सहकारी समिति में वर्षों से सचिव की तैनाती नहीं की गई है जिससे समिति बंद रहती है जबकि मऊ गांव स्थित को केंद्र में यूरिया उपलब्ध नहीं है इसी तरह निगोहा क्षेत्र के रघुनाथ खेड़ा गौतम खेड़ा निगोहा लालपुर सहकारी समितियों के गोदामों पर भी खाद नहीं है धान की रोपाई के 25 दिनों बाद यूरिया का पहला छिड़काव होता है इसके लगभग 45 दिन बाद दूसरा छिड़काव जरूरी होता है ऐसे में किसान यूरिया के लिए गोदामों के चक्कर लगा रहे हैं।
चिनहट में निजी दुकानदार किसानों को खाद इस शर्त के साथ दे रहे हैं कि कीटनाशक व रसायन जिंक भी उन्हें साथ में ही खरीदना होगा। यह कीटनाशक अनबारानडेड होते हैं किसान बीरेंद्र कुमार संजय यादव गुड्डू सिंह रज्जब अली दिनेश कुमार अशोक कुमार रंजीत यादव नंदलाल दिलीप,सर्वजीत ने बताया कि कई दिनों से उन्हें खाद नहीं मिल रही है वह काफी महंगे यूरिया खरीद रहे हैं।सरकार ने यूरिया खाद का दाम ₹266 निर्धारित कर रखा है लेकिन चिनहट के जुग्गौर कंचनपुर मटियारी अमराई गांव अनोरा कला केकई महेवा गांव में निजी दुकानदार यूरिया 350 से ₹400 बोरी तक बेच रहे हैं।

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