प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में विकास के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की फाइनेंस (वित्तपोषण) सुविधा की शुरुआत की है। एक लाख करोड़ रुपये के फंड वाले इस स्कीम की अवधि दस साल यानी 2020 से 2029 तक के लिए होगी। इसके तहत पहले साल यानी इस वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और उसके बाद हर तीन साल में 30-30 हजार करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। इस तरह दस साल साल में पूरे एक लाख करोड़ रुपये के लोन का वितरण हो जाएगा।यह फंड ब्याज माफी तथा लोन गारंटी के जरिये फसल उपरांत प्रबंधन के बुनियादी ढांचे एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश की सुविधा होगी।
यह एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, किसान और संस्थाएं कैसे उठाएं पाएंगे इसका फायदा। इस फंड की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में करीब 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत आर्थिक पैकेज के अंतर्गत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को इसकी शुरुआत की।
यह फंड एक लाख करोड़ रुपये का होगा। इस एक लाख करोड़ रुपये के फंड का इस्तेमाल ग्रामीण इलाकों में कृषि क्षेत्र से संबंधित ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा जैसे कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां, किसान उत्पादक संगठन और कृषि उद्यमी सहित कई अन्य को इससे मदद मिलेगी।
यह जरूर पढ़ेः मोदी के नाम पर नहीं मिलेगी 2024 में सत्ता की चाबी, करना होगा पूरे दमखम से काम: राम माधव https://www.ksknews.in/2020/08/bjp-mahasachiv-ram-madhaw-bole.html
फंड के जरिए किए जाने वाले कार्यों में कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, कलेक्शन सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट, परख केंद्र, ग्रेडिंग, पैकेजिंग यूनिट, ई.प्लेटफॉर्म जैसी इकाइयों की स्थापना की जाएगी जिससे फसल के बुनियादी ढांचे का विकास होगा। उत्पादन के बाद फसलों के प्रबंधन से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास में भी इससे सहायता मिलेगी।किसानों के लिए खेतों के आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में कोल्ड चेन और कटाई के बाद के प्रबंधन के बुनियादी ढांचे की कमी को देखते हुए इसकी घोषणा की गई है। इसके तहत कई तरह के प्रोजेक्ट्स को मीडियम और लॉन्ग टर्म की फाइनेंस सुविधा यानी कि कर्ज या निवेश मुहैया कराया जाएगा।



एक टिप्पणी भेजें
please do not comment spam and link