लखनऊ प्रदेश सरकार लालफीताशाही पर बड़ा अंकुश लगाते हुए केवल एक मंजूरी से 1000 दिन तक उद्यम चला सकेंगे। इनमें 900 दिन अन्य एनओसी के लिए। सूक्ष्म छोटे एवं मझोले उद्योगों एमएसएमई की स्थापना में लालफीताशाही दूर करने को बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम अवस्थापना एवं संचालन अधिनियम 2020 एमएसएमई एक्ट को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन ने मंजूरी दे दी है अब उद्यमी एक अनापत्ति प्राप्त कर 1000 दिन तक उद्यम चला सकते हैं।
इन 900 दिनों में उसे बाकी आनापत्तियां प्राप्त करनी होंगी। इस दौरान इकाई की किसी तरह की जांच पड़ताल व पूछताछ नहीं होगी। वर्तमान समय में उद्यमी को 29 विभागों से लगभग 80 तरह की अनापत्ति या लेनी होती है। अब नई व्यवस्था से 1 वर्ष में 15 लाख सेअसे लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
एमएसएमई एक्ट के अंतर्गत उद्यमियों को जिला अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय नोडल एजेंसी के समक्ष प्रारूप पर अपना आवेदन व घोषणा पत्र जमा करना होगा यह प्रपत्र एक्ट में शामिल है। इसके अंतर्गत भूमि संबंधी, विद्युत सुरक्षा संबंधी, पर्यावरण श्रम व अग्निशमन संबंधी, अनापत्ति के लिए घोषणा पत्र देना होगा। घोषणा पत्र पाने के 72 घंटे के अंदर उपायुक्त उद्योग स्वीकृति प्रमाण पत्र जारी कर देगा। इस समय सीमा का उल्लंघन नहीं किया जा सकेगा। इस प्रमाण पत्र को निवेश मित्र पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा।
वर्तमान समय में एम एस एम ई इकाइयों को अपना भुगतान प्राप्त करने के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।वर्तमान में केवल एक फैसिलिटेशन काउंसिल होने से बड़ी संख्या में एम एस एम ई के मामले लंबित चल रहे हैं । एक्ट में मंडल स्तर पर फैसिलिटेशन काउंसिल बनाने की व्यवस्था की गई है। इसमें मंडल स्तर पर ही एम एस एम ई इकाइयों की भुगतान संबंधी समस्याओं का निराकरण हो जाएगा। यह काउंसिल मंडलायुक्त की अध्यक्षता में होगी। यदि मंडली फैसिलिटेशन काउंसिल के निर्णय का अनुपालन नहीं होता है तो देयको की वसूली के लिए वसूली प्रमाण पत्र जारी किया जा सकेगा।भू राजस्व की तरह वसूली हो सकेगी। इससे एम एस एम ई को भुगतान पाने में आसानी होगी।
एक्ट से इस तरह के उद्यम बाहर हैं
- तंबाकू उत्पाद गुटखा पान मसाला आदि
- वात युक्त पेय पदार्थ कार्बोनेटेड उत्पाद अल्कोहल
- पटाखों के विनिर्माण से संबंधित उद्यम
- 40 माइक्रोन से कम अथवा सरकार द्वारा तय मोटाई से कम वाले प्लास्टिक कैरी बैग
- सरकार द्वारा समय-समय पर प्रतिबंधित सूची में शामिल उत्पाद
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चिन्हित लाल श्रेणी की इकाइयां।हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारियों से तय समय सीमा में अनुमति लेकर नारंगी वह हरित श्रेणी की इकाइयां स्थापित की जा सकेंगी।

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