उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष यूपी सरकार का बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर जबरदस्त हमलावर रहा। जिसका असर विधानसभा में भी देखने को मिल रहा है। एमएलसी सुनील साजन और आनंद भदौरिया ने जिस तरह यूपी सरकार पर सवालों की झड़ी लगी दी है। इसमें कई सवाल तो लोगों के दिलों में बस गये। जिनका उत्तर आने वाले समय में देखने को मिलेगा।
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के सदस्य विधान परिषद आनंद भदौरिया सदन में कई जिलों के डिग्री कॉलेजों को कानपुर युनिवर्सिटी से लखनऊ युनिवर्सिटी से जोड़ने वाले प्रस्ताव को लेकर यूपी सरकार पर जमकर गरजे हैं। विधानसभा में इस पर जबरदस्त हंगामा हुआ है। यूपी गवर्नमेंट की कैबिनेट ने रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और लखीमपुर खीरी जिले के सभी डिग्री कॉलेजों को लखनऊ यूनिवर्सिटी से जोड़ने वाले प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के बाद इन चारों जिलों के सभी डिग्री कॉलेज लखनऊ यूनिवर्सिटी के दायरे में लाने के लिए यूपी विधानपरिषद के सत्र में हंगामा हो गया। सरकार के इस मनमाने रवैये पर मुख्य विपक्षी दल ने इसका पुरजोर विरोध किया।
समाजवादी पार्टी का कहना था कि इन जिलों के कॉलेजों की सम्बद्धता कानपुर विश्वविद्यालय से थी, लेकिन क्या जरूरत पड़ी की इनकी सम्बद्धता लखनऊ विश्वविद्यालय करनी पड़ी। सरकार जवाब दे। इस पर सरकार द्वारा जवाब से बचने की कोशिश पर समाजवादी पार्टी सदस्यों ने सरकार का पुरजोर विरोध किया।
आपको बता दें, विपक्ष के जोरदार हंगामे और नारेबाजी के बीच विधानसभा की कार्यवाही सिर्फ 2.40 घंटे चल सकी और सरकार ने इस हंगामे के बीच 27 विधेयक पास कराए। हंगामे के चलते प्रश्न प्रहर भी नहीं हो सका। सीएजी की रिपोर्ट और राज्य वित्त आयोग की संस्तुतिओं की रिपोर्ट को भी सदन के पटल पर रखा गया। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।
सपा.बसपा का वाकआउट, कार्यवाही स्थगित: विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा बढ़ते हुए देखकर सदन की कार्यवाही को पहले 15 मिनट के लिए स्थगित किया।इसके बाद इसे आधे घंटे लिए बढ़ा दिया गया।सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्ष का हंगामा शांत नहीं हुआ।विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर संसदीय कार्य मंत्री ने एक.एक कर के कुल 27 विधेयक रखे।जिसे पास किया गया।सपा और बसपा ने खराब कानून.व्यवस्था, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर वाकऑउट किया।
पूरे दिन नहीं चल सका सदनः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बोलने के बाद बसपा नेता लालजी वर्मा ने यूपी में खराब कानून.व्यवस्था का मामला फिर उठाया।उन्होंने अपराध के आंकड़ों पर पुनः सरकार से जवाब चाहा तो संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और उद्योग मंत्री सतीश महाना ने इसका विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद सत्ता पक्ष और बसपा के सदस्यों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। सतीश महाना ने कहा कि बसपा सदस्यों ने जब मुख्यमंत्री का वक्तव्य सुना ही नहीं इस पर जवाब किस बात का चाह रहे हैं। इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।

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