जोधपुरः मांगों को लेकर लगभग 25 दिन से आंदोलनरत किसान अपनी दो महत्वपूर्ण मांगों पर अड़े हुए है। शुक्रवार को कोई प्रशासनिक वार्ता नहीं हो पाई। इससे भी किसान आहत है। वहीं शुक्रवार रात को एक किसान की अचानक तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल लाए जाने के के बाद उसकी मौत हो गई। यह किसान पूर्व छात्र नेता भी बताया जाता है। इधर इस घटना को लेकर पुलिस ने शव की कोविड जांच करवाई है। जांच रिपोर्ट मिलने पर पोस्टमार्टम कार्रवाई की जाएगी।
डीसीपी पूर्व धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि शुक्रवार रात में धरनास्थल माणकलाव में मांडियाई निवासी किसान पुखराज पुत्र तेजाराम डोगीयाल की तबीयत बिगड़ गई। तब धरनास्थल से उसे इलाज के लिए मथुरादास माथुर अस्पताल ले जाया गया। मगर उसकी मौत हो गई। डीसीपी पूर्व के अनुसार मृतक किसान की कोविड 19 जांच करवाई गई है। जांच रिपोर्ट मिलने पर पोस्टमार्टम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि एक किसान नेता तुलछाराम के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। राज्य सरकार के आदेशों की पालना नहीं किए जाने पर महामारी अध्यादेश के तहत यह केस दर्ज हुआ है। इसमें तुलछाराम की जल्द गिफ्तारी की जाएगी।
किसान की मौत पर दुख जतायारूभारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष नरेश ने कहा कि धरने के दौरान तबीयत बिगड़ऩे से पुखराज की हुई मृत्यु दुरूखद हैण्भारतीय किसान संघ पुखराज के परिवार के साथ खड़ा हैण्सरकार की असंवेदनशीलता के चलते पहले ही क्षेत्र में किसानों ने आत्महत्या की है और अब सरकार की हठधर्मिता से धरने के दौरान तबीयत बिगडऩे से किसान की मृत्यु हुई है।
सैकड़ों किसान माणकलाव में अटे। पुलिस का भी डेरा, पिछले पांच दिनों से किसान शहर से दस किलोमीटर दूर माणकलाव में डेरा जमाए है। कुछ मांगों पर जिला स्तर पर सहमति के बाद दो प्रमुख मांगों 833 रुपयों की अनुदान राशि फिर से शुरू करने और छह माह का बिजली बिल माफ करने पर अड़े है। यह मांगे जिलास्तर पर नहीं मानी जा सकती है जोकि राज्य सरकार के हाथ में है। मगर किसान अपनी मांगों पर अड़े है। एक किसान की मौत की खबर दूर और गांवों में फैलने के बाद अन्य किसान भी जोधपुर की तरफ कूच करने लगे है।
करवड़ और मथानिया में हुए केस दर्ज। किसानों द्वारा धरना स्थल माणकलाव और उसके साथ ही मथानिया तिंवरी मार्ग पर जमा हुए है। इससे कोरोना महामारी अध्यादेश के तहत कुछ किसान नेताओं के खिलाफ करवड़ और मथानिया में केस दर्ज हो गए है। डीसीपी पूर्व धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि दो केस दर्ज हुए है। जल्द की कुछ किसान नेताओं को गिरफ्तार किया जाएगा।
जोधपुर की तरफ कूचः किसान जोधपुर डिस्कॉम की तरफ महापड़ाव डालने के लिए कूच करने की मंशा अब रख रहे है। चार दिन पहले उन्हें महापड़ाव डालने से रोक दिया गया था। मगर अब फिर किसान आर-पार की लड़ाई में दिख रहे है। हालांकि जिला पूर्व और पश्चिम की पुलिस सभी नाकों पर जमा है। जोधपुर डिस्कॉम पर एहतियात के तौर पिछले पांच दिनों से पुलिस बल तैनात हो किया गया है।

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