उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन में कहा कि मीटर कंपनी जीनस को ब्लैक लिस्ट और ईईएसएल के एमडी को बर्खास्त करें

भोक्ता परिषद ने ऊर्जा मंत्री को ज्ञापन में कहा कि मीटर कंपनी जीनस को ब्लैक लिस्ट और ईईएसएल के एमडी को बर्खास्त करें


लखनऊः राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट मीटर मामले में मीटर निर्माता कंपनी जीनस को ब्लैक लिस्ट करने तथा एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के प्रबंध निदेशक को बर्खास्त करने की मांग की गई है। उपभोक्ता परिषद ने गुरुवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को ज्ञापन सौंपकर मांग उठाई गई है। उर्जा मंत्री ने परिषद को आश्वस्त किया इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है। दोषी पाए जाने पर जीनस मीटर कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।

प्रदेश में स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली बंद होने के मामले को लेकर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शक्ति भवन में ऊर्जा मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि परिषद लगातार जीनस और अन्य कंपनियों द्वारा घटिया क्वालिटी के स्मार्ट मीटर लगाने का मुद्दा उठा पा रहा है। स्मार्ट मीटर लोड जंपिंग के मामले में बनी कमेटी की रिपोर्ट आज भी लंबित है। पूरे मामले में ईईएसएल की भूमिका संदिग्ध है इसलिए ईईएसएल के प्रबंध निदेशक को बर्खास्त किया जाए।

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ऊर्जा मंत्री ने वर्मा को प्रभावी कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए कहा कि सरकार इस मामले पर बहुत गंभीर हैं। उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पावर कारपोरेशन के निदेशक (वाणिज्य) को अब स्मार्ट मीटर के मामले में नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिससे भविष्य में उच्चाधिकारियों की भी जवाबदेही तय हो। मीटर निर्माता कंपनी के खिलाफ भी जांच के बाद कठोर कार्रवाई होगी। पावर कारपोरेशन में सघन मॉनिटरिंग के लिए एक बैकअप कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा।

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उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि सरवर से गलत कमांड दब जाने की बात कहकर निजी कंपनी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। बड़ा सवाल यह है कि जिस कमांड से लाखों उपभोक्ता जुड़े हुए उसके सिस्टम में सिक्योरिटी क्यों नहीं थी। जो इसे रोक सके अभी तो कुछ ही लाख मीटर बंद होने का मामला आया है। अगर प्रदेश के सभी लगभग तीन करोड़ उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लग गए होते और ऐसे आपूर्ति बंद होती तो ग्रिड फेल होना तय था। एक बड़ा सवाल यह भी है कि अगर एक गलत कमेंट से सारे मीटर बंद हो गए तो एक ही कमांड से सब मीटर चालू हो जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गुरुवार तक 2000 मीटरों में आपूर्ति चालू नहीं हो पाई थी।

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उपभोक्ताओं को मुआवजा दिलाने की मांगः उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री से इन सभी उपभोक्ताओं को मुआवजा दिलाने की मांग की है, जिनक बिजली गुल हुई थी। उन्होंने कहा कि बिल जमा ना होने पर उपभोक्ताओं से 708 डिस्कनेक्शन फीस वसूल की जाती है क्योंकि इसमें उपभोक्ताओं की कोई गलती नहीं थी। इसलिए सभी उपभोक्ताओं को ईईएसएल से डिस्कनेक्शन फीस तथा 100 प्रति उपभोक्ता मुआवजा दिलाया जाए।

डिस्कनेक्ट कमांड पर उठा रहे सवाल: तकनीकी जानकारों का कहना है कि ऐसे कमांड का औचित्य समझ से बाहर है जिससे एक साथ इतनी बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं के मीटर बंद कर दिए जाएं। कंप्यूटराइज्ड सिस्टम में किसी भी कमांड को ऑपरेट करने पर लौटने का विकल्प रहता है। जैसा कहा जा रहा है कि गलती से कमांड दब गया होगा, तो उसे रीस्टोर करने का विकल्प भी होना चाहिए। जिनके खाते में पैसा नहीं है उनकी बिजली बंद करना तो ठीक है, लेकिन खाते में पैसा होने पर बिजली बंद होना भारी चूक है। अगर वास्तव में ऐसा कमांड है तो यह है ग्रिड के लिए बड़ा खतरा है। एकाएक बिजली बंद होने से ग्रिड को संभालना मुश्किल हो सकता है।


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