
जालौन जिले के उरई में नीशू व उसकी दोनों सहेलियों के साथ आठ घंटे तक उरई कोतवाली में कैसे और क्या पूछताछ हुई। किन-किन पुलिस वालों ने क्या-क्या सवाल किए और फिर कैसे उन्हें घर जाने दिया। नीशू की सहेली मोहिनी चौधरी ने पुलिस के जुल्म की दास्तां सुनाई तो लोग भौचक रह गए और सभी की आंखें नम हो गईं।

मोहिनी का कहना था कि जब पुलिस वालों से पीने के लिए पानी मांगा तो गालियां देकर पिटाई की गई। रामनगर निवासी मोहिनी पुत्री सूरज चौधरी ने बताया कि वह अपने उमरारखेड़ा निवासी सहेली शिवानी के साथ घर से राशन लेने के लिए निकली थी। तभी माहिल तालाब के पास शिवानी ने कहा कि उसे अपना मोबाइल ठीक कराना है। इस पर वे दोनों दुकान में मोबाइल ठीक कराने लगीं। उसी वक्त पड़ोस में रहने वाली सहेली नीशू भी वहां पहुंच गई।
जब मोबाइल ठीक नहीं हुआ तो वहीं से गुजर रहे शिवानी के भाई ने तीनों से कहा कि बलदाऊ चौक स्थित दुकान पर चले जाओ वहां मोबाइल ठीक हो जाएगा। इसके बाद वे तीनों उक्त दुकान पर पहुंचे और अभी मोबाइल ठीक ही करा रहे थे कि दुकान में खड़े लड़के उनकी फोटो खींचने लगे। नीशू समेत उन तीनों ने विरोध किया और इसी बीच पुलिस भी पहुंच गई। मोहिनी के मुताबिक, पुलिस की जीप में एक-दो महिला सिपाही के अलावा पुरुष पुलिसकर्मी थे। रास्ते में ही पुलिस ने गालियां देनी शुरू कर दी थीं।
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