गौशालाओं में बंदी गोवंशीय पशुओं के लिए भूसा संग्रहण में लापरवाही पर 27 पशु चिकित्साधिकारियों से जवाब तलब

  


 उत्तर प्रदेश के गौशालाओं में बंद गोवंशीय पशुओं के लिए भूसा और हरे चारे की व्यवस्था के लिए अधिकारियों को निर्देश हैं लेकिन भूसा संग्रहण कार्य में लापरवाही बरतने और टेंडर जारी न करने पर 27 मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है। इसको लेकर पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अपार मुख्य सचिव पशुधन डॉ रजनीश दुबे को दिए गए निर्देश। मंत्री गुरुवार को विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। संरक्षित गोवंश के लिए भूसा संग्रहण को 15 अप्रैल से 5 मई तक का समय दिया गया था लेकिन 27 मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों ने इसके लिए टेंडर तक जारी नहीं किए।

 उन्होंने 31 मई तक पुनः अभियान चलाकर भूसा संग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि भूसा बैंक के लिए दानदाताओं का भी सहयोग लिया जाए। यदि चारा, पानी, भूसे और उपचार के अभाव में संरक्षित गोवंश की मृत्यु होने पर संबंधित अधिकारी का उत्तरदायित्व तय किया जाएगा। अधिकारी अपने क्षेत्रों में जाकर नियमित रूप से गौ संरक्षण केंद्रों और संचालित योजनाओं की निगरानी करें और  मुख्यालय पर रिपोर्ट भेजें। उन्होंने 20 बृहद गौशालाओं का कार्य 15 जून तक पूरा करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अतिरिक्त सभी जिलों में गोचर भूमि को चिन्हित कर कब्जा मुक्त कराने को भी कहा है।



उधर पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि पशुधन विभाग में शीघ्र ही डीपीसी कराएं और रिक्त पदों को भरे कुक्कुट और बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए निर्देश दिए समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद द्वारा पैरावेट मैत्री चयन के लिए बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया है बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे ने अधिकारियों से कहा है कि लक्ष्यों को समय से पूरा करें इस दौरान विशेष सचिव देवेंद्र पांडे, निदेशक डॉ इंद्रमणि, डॉ अरविंद सिंह आदि मौजूद थे।



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