सुबह 6:00 बजे से पहले और शाम 7:00 बजे के बाद महिलाओं को काम के लिए नहीं बाध्य कर सकते संस्थान

  

कामगार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने उठाया बड़ा कदम! अपर मुख्य सचिव सुरेश चंद्रा की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार अब महिला कर्मचारी को उसकी लिखित सहमति के बगैर सुबह 6:00 बजे से पहले और शाम 7:00 बजे के बाद कार्य करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा! यदि महिला कर्मचारी सुबह 6:00 बजे से पहले और शाम 7:00 बजे के बाद कार्य करने से इंकार करती है तो भी उसे कार्य से हटाया नहीं जाएगा! इन शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी नियुक्ति दाता को उनका लैंगिक उत्पीड़न रोकने के लिए उचित कदम उठाना होगा! 

महिला कामगारों की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सतर्क हैं लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पार्टी के स्वार्थ में इतना नीचे गिर कर बयान देंगे यह शायद जनता ने सोचा भी नहीं होगा! चुनाव के समय कहा था कि प्रदेश में कानून, व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद है! अब महिलाएं गहने लादकर रात 12:00 बजे घूम सकती हैं! यह बात जनता को हजम नहीं हुई और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान को लेकर काफी लोगों ने कहा था कि ऐसा तो रामराज में भी नहीं था! उस समय भी भगवान श्रीराम और राजा रामचंद्र की पत्नी सीता जी को अकेला पाकर लंका का राजा रावण अपहरण कर लंका के अशोक वाटिका में रखा था! जहां राक्षसों द्वारा कई प्रकार से प्रताड़ित करने की बात कही जाती थी! आज कलयुग में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ऐसी बात करते हैं जहां पग पग पर दुराचारी, आनाचारी रावण घूम रहे हैं! 


प्रदेश सरकार ने राज्य के समस्त कारखानों में महिला कर्मकारों के नियोजन के संबंध में कारखाना अधिनियम 1948 में निहित शक्तियों के साथ यह छूट प्रदान की है! अधिसूचना के अनुसार यदि महिला लिखित सहमति देती है तो शाम 7:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के मध्य कार्यरत महिला कर्मचारी को कारखाना के नियोजक द्वारा उसके निवास स्थान से कार्यालय तक आने और जाने के लिए निशुल्क परिवहन उपलब्ध कराया जाएगा! इस अवधि में कार्यरत महिला को नियोजक द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा! कार्य स्थल के निकट वासरूम परिवर्तन कक्ष और पेयजल व अन्य सुविधाएं सुनिश्चित करानी होगी! 


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