जातिगत जनगणना पर जदयू और भाजपा आमने सामने! वही जदयू विधायकों के अगले 3 दिनों तक पटना में ही रहने का निर्देश दिया गया है! इससे राज्य का सियासी पारा और चढ गया है! राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा को जदयू के समर्थन की जरूरत है! इसके साथ ही राज्य सभा की दूसरी सीट के लिए भी भाजपा को जदयू के 5 विधायकों के समर्थन की जरूरत है! अब तक जातिगत जनगणना के पक्ष में रही भाजपा की राज्य इकाई ने इस बार दूरी बना ली है! वहीं जदयू और राजद की नज़दीकियां इस मामले में बढी हैं! भाकपा माले सहित अन्य दल भी नीतीश के साथ हैं! नीतीश ने पहले ही बिहार में अलग से जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की थी!
नीतीश कुमार ने कहा, जातिगत जनगणना को लेकर अनेक दलों से बात हुई है! हमने बैठक बुलाने का फैसला किया है. इस बैठक में सभी पार्टियों से इस मुद्दे पर बात की जाएगी! इसके बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा! बैठक में सबकी राय के बाद कैबिनेट में प्रस्ताव लाएंगे! बैठक में चर्चा होगी कि इसे कैसे करना है! सहमति बनने के बाद इस पर काम शुरू किया जाएगा! इसे कैबिनेट के माध्यम से पास किया जाएगा! उन्होंने बताया कि विधानसभा में भी जातिगत जनगणना पर दो बार प्रस्ताव पास हो गया है!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी से मुलाकात कर जनगणना की मांग की थी, हालांकि, केंद्र सरकार ने इसे खारिज कर दिया था। सरकार का तर्क है कि इतने बड़े देश में जाति जनगणना कराना मुश्किल भरा काम है।
उधर राज्यसभा चुनाव में भाजपा राजद के हिस्से 22 व जदयू के हिस्से एक सीट आनी है एक सीट पर उपचुनाव है उप चुनाव में जदयू ने अनिल हेगड़े को उम्मीदवार बनाया है एक अन्य सीट पर नीतीश नौकरशाह मनीष वर्मा को राज्यसभा भेजने का मन बना चुके हैं ऐसे में केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं!
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