सोमवार को 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने आरक्षण में घोटाले का आरोप लगाकर परिवर्तन चौक पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया! इस बीच पुलिस और पीएसी के साथ उनकी नोकझोंक भी हुई! पुलिस ने बल प्रयोग कर अभ्यर्थियों को हटाकर इको गार्डन भेज दिया! इस बीच कई अभ्यर्थी गर्मी में गश खाकर गिर गए! पिछड़ा वर्ग दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कश्यप और संरक्षक भास्कर सिंह यादव ने कहा की भर्ती में ओबीसी वर्ग को 3.80 फीसद और एससी को सिर्फ 16.2 फीसद आरक्षण दिया गया है! आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में 19000 के लगभग सीटों पर घोटाला हुआ है लेकिन सरकार 6800 सीटें देकर इसे शांत कराना चाहती है! इस सूची पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 26 जनवरी को रोक लगा दी थी! कुछ अभ्यर्थी रोग को हटवाने के लिए डबल बेंच गए जहां 15 मार्च को याचिका खारिज कर दी गई!
69000 सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने आरक्षण में घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया को नियमानुसार पूरी कर वंचित अभ्यर्थियों को शामिल करने की मांग की है। प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों की पुलिस से झड़प हो गई। अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके सब्र का बांध अब टूट गया है। वे अब इस मामले में संपूर्ण न्याय चाहते हैं। उन्होंने कहा कि या तो उन्हें इच्छामृत्यु दे दी जाए अन्यथा उन्हें नियुक्ति पत्र सौंप दिया जाए।
दूसरी तरफ विधानसभा में शिक्षामित्रों के मानदेय में बढ़ोतरी के सवाल पर स्पष्ट आश्वासन ना मिलने के कारण उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने मांग की है कि डबल इंजन की सरकार शिक्षामित्रों का जीवन भी अच्छे तरीके से बनाने का विचार करें ! संघ ने यह विरोध विधानसभा में एक सवाल पर बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह द्वारा दिए गए जवाब पर लगाया है! विधानसभा में विधायक डॉ मुकेश वर्मा ने सवाल पूछा था जवाब में मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों का मानदेय सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश के क्रम में 20 सितंबर 2017 को जारी शासनादेश से बढ़ाकर ₹10000 प्रति माह निर्धारित किया गया है! इस पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि जवाब से स्पष्ट है कि फिलहाल मानदेय बढ़ोतरी पर कोई विचार नहीं हो रहा है!

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