दवाएं लोगों को मारने के लिए रखे हो क्या: डिप्टी सीएम

 


डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन के गोदाम में अचानक छापा मारकर 16.40 करोड़ रुपए की दवाएं पकड़ी! इन दवाओं को उपयोग के लिए भेजा ही नहीं गया इस दौरान गोदाम में अव्यवस्था मिली दवाई बिखरी पड़ी थी इस पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अधिकारियों और कर्मचारियों को फटकार लगाई और चेतावनी दी!



 निरीक्षण में कई दवाइयां ऐसी मिली जो दिसंबर 2021 में एक्सपायर हो चुकी थी इस पर नाराजगी जताते हुए उपमुख्यमंत्री ने फटकार लगाते हुए पूछा कि यह दवाई लोगों को मारने के लिए रखे हो क्या हम जनता को जिंदा रखने के लिए दवाएं देते हैं और यहां यह हाल यह है! निरीक्षण में कई ऐसी दवाएं मिली जो एक दो महीने में एक्सपायर होने वाले थे यहां खुद को एक निजी कंपनी का कर्मचारी बता रहे लोग भी उपमुख्यमंत्री को मिले उनसे भी उन्होंने पूछताछ की उन्होंने पूछा कि क्या दवा कंपनी वाले आते हैं! अभी करो ना कॉल मैं मरीजों को ऑक्सीजन गैस बेड वेंटिलटर और दवा के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा! दूसरी तरफ अव्यवस्था के चलते दवाई एक्सपायर हो गई! जिससे जनता ने सरकार की अव्यवस्था को लेकर काकी नाराजगी थी! 

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के निरीक्षण के दौरान पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी कराई और मौके पर बरामद सभी सुबूत रिकॉर्डिंग कागजात जप्त किए जाने के निर्देश दिए! इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव प्रांजल यादव भी साथ में मौजूद रहे! 

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि दवाएं कारपोरेशन द्वारा अस्पतालों को उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी लेकिन नहीं भेजी गई! करोड़ों की दवाएं रखे रखे एक्सपायर हो गई!यह घोर लापरवाही है! डिप्टी सीएम ने पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक समिति का गठन करने व गोदाम में उपलब्ध दवाओं का ऑडिट कराने के लिए पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए! साथ ही 3 दिन में प्राथमिक जांच रिपोर्ट भी मांगी है! 

निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कबाड़ की तरह की दवाओं को देखकर पूछा कि यहां दबाएं कैसे ढूंढते हो तो इसका स्पष्ट जवाब अधिकारी कर्मचारी नहीं दे सके एक गत्ते में दवाओं के साथ इस्तेमाल किया हुआ मास्क पर उपमुख्यमंत्री नाराज हुए कहा कि आप क्या जान से खेल रहे हो प्लास्टिक का , एएप्रेन लिए रखा मिलने पर भी उन्होंने फटकार लगाई बदहाली पर कहा कि ऐसे दवाए रखते हैं ऐसे फेकोगे, देखो कितनी धूल है भगवान मालिक है यह दवाएं हैं तो खुली क्यों फेंकी गई हैं! 

गोदाम में कूल एंड ड्राई प्लेस में रखे जाने के निर्देश वाली दवाएं भी खुले में पड़ी थी डिप्टी सीएम ने पूछा कि ऐसा क्यों है इन्हें उचित तापमान में क्यों नहीं रखा गया क्या यह निर्देश सिर्फ जनता के लिए हैं

गोदाम में रखने के लिए नहीं यहां इंजेक्शन ठंडा करने वाला कोलेंट बेकार मिला! उपमुख्यमंत्री ने गोदाम में घूम-घूम कर दवाओं के बंडल चेक किए और अधिकारियों से चेक करा कर पूछते रहे कि यह कितने की दवा है! कब एक्सपायर हो रही है कुछ दवाएं इस्तेमाल ना होने वाली मिली तो उन्होंने पूछा कि इसका यूज नहीं है! उसे वापस क्यों नहीं किया गया! गोदाम में बने कोल्ड रूम को भी देखा! वहां रखी दवाओं को चेक किया पूछा कि यहां कितना टेंपरेचर होना चाहिए! इसे कैसे चेक करते हो! 

 दूसरी तरफ प्रदेश में मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) में तैनात लगभग 1000 स्वास्थ्य कर्मियों को 3 माह से वेतन नहीं मिला है! कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर एनएचएम और स्वास्थ्य महानिदेशालय की दौड़ लगा रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है! प्रदेश में एमएमयू के संचालन का जिम्मा केएचजी हेल्थ सर्विसेज के पास है! हर एंबुलेंस में डॉक्टर लैब टेक्नीशियन फार्मासिस्ट सहित पांच कर्मचारियों का स्टाफ रहता है! यह एंबुलेंस गांव में मरीज को इलाज मुहैया कराती हैं और मुफ्त दवाओं का वितरण करते हैं! 


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