हमेशा चुनाव मूड में रहने वाली सरकार में प्रचंड गर्मी ने लोगों को किया बेहाल, विद्युत उत्पादन संयंत्रों में कोयले की भारी कमी

सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार जो हमेशा चुनाव मूड में रहती है। भविष्य में क्या होने वाला है यह सोचने और समझने का सरकार के पास समय का अभाव है। वक्त का कालचक्र तो चलता ही रहता है जाड़ा गर्मी बरसात उसको तो समय पर आना ही है। इसके लिए जनता पहले से तैयारी करती है जाड़े से निपटने के लिए गर्म कपड़े और अन्य साधन जुटा ती है। बरसात से निपटने के लिए व्यवस्था करती है। गर्मी से निपटने के लिए पंखा कूलर एसी आज की व्यवस्था करती है लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते यह सब सफेद हाथी साबित होते हैं। 


बिजली की व्यवस्था करना सरकार का काम है लेकिन जब बिजली का उत्पादन ही नहीं होगा तो जनता को 24 घंटे बिजली कैसे मिल पाएगी। लगभग प्रत्येक चुनाव में सरकार दावा करती है कि हम जनता को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराएंगे लेकिन कोयले की कमी और गर्मी के चलते अंधाधुंध कटौती हो रही है। यहां तक का शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। यह कहना मुश्किल होगा कि यह विकराल समस्या से कब छुटकारा मिलेगा।

उत्तर भारत में चढ़ते पारे ने ना सिर्फ अप्रैल में गर्मी को चरम पर पहुंचाया बल्कि पूरे देश के औसत अधिकतम तापमान को भी 122 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया है। शनिवार को मौसम विभाग के जारी आंकड़ों के मुताबिक इस बार अप्रैल में उत्तर पश्चिम और मध्य भारत का औसत अधिकतम तापमान रमसा 35.9 और 37.78 डिग्री तक पहुंचा जो 122 साल में सबसे अधिक रहा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक राजस्थान में पारा 50 डिग्री तक पहुंचने का अनुमान है।

बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की कमी के कारण गंभीर संकट, गर्मी के चलते मचा हाहाकार

उत्तर प्रदेश में रोस्टर के मुताबिक बिजली मुहैया कराने में बिजली विभाग के खुद पसीने छूट रहे हैं। शनिवार को बिजली की मांग रिकॉर्ड 23000 मेगावाट तक पहुंची। उपलब्धता 19000 से 19500 मेगावाट तक पहुंच रही है। राज्य विद्युत उत्पादन निगम के बिजली घरों से लगभग 4300 मेगावाट, निजी बिजली घरों से 6200 मेगावाट, जल विद्युत परियोजनाओं से 366 तथा केंद्र से 8500 मेगावाट बिजली मिल रही है। हम मांग और उपलब्धता में साढ़े  3 से 4000 मेगावाट का अंतर होने से आपूर्ति व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।

उधर आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक पूरे प्रदेश में 1 मई से हल्की बूंदाबांदी आंधी के आसार हैं शनिवार को बांदा प्रयागराज कानपुर झांसी 45 पार पारे की आग में जलते रहे तो आगरा और चुक में तापमान 45 के करीब पहुंच रहा। लखनऊ में शनिवार को अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस से गिरकर 41.4 डिग्री सेल्सियस हो गया। देर शाम मौसमी उठापटक के चलते तेज हवाएं चली इससे गर्मी से थोड़ी राहत मिली।


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