
सीएम का खेमा दावा कर रहा है कि उनके पास 109 विधायक है लेकिन सिर्फ 92 विधायक ही जयपुर से जैसलमेर पहुंचे हैं। इनमें चार मंत्री समेत 7 विधायक जयपुर में ही हैं और इन्हें लेकर कांग्रेस के पास 99 विधायक होते हैं जो उनके दावे से 10 कम हैं।
विधायकों के समर्थन की जरूरत है। गहलोत को बहुमत साबित करने के लिए सीपीएम के विधायक बलवान पूनिया ने कुछ समय पहले साथ देने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अब बलवान पूनिया न जयपुर में बाड़ेबंदी में थे ना ही जैसलमेर गए। पूनिया ने अगर पार्टी व्हिप का पालन किया और कांग्रेस के पक्ष में मत नहीं दिया तो गहलोत सरकार के पास विधायक 99 ही रहेंगे। कुल मिलाकर गहलोत सरकार के गिरने का खतरा बरकरार है।
एक मंत्री मास्टर भंवरलाल इतने बीमार हैं कि विधानसभा में मतदान नहीं कर सकते हैं। फिलहाल उनका मत किसी कैंप में नहीं है। स्पीकर सीपी जोशी सिर्फ पक्ष-विपक्ष की समान मत संख्या पर ही मतदान करा सकते हैं। अगर गहलोत के पास 99 मत ही रहते हैं तो सीपी जोशी मतदान नहीं कर पाएंगे यानी सरकार नहीं बचा सकते। जोशी सरकार को तभी बचा सकते हैं जब गहलोत 100 विधायक जुटा लें । ऐसा तभी संभव है जब सीपीएम के दो में से कम से एक गहलोत के पक्ष में वोट करें।
एक टिप्पणी भेजें
please do not comment spam and link