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| UP Electricity Regulatory |
बिजली कंपनियों को राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 10 दिन में 2022 23 के लिए सदैव वार बिजली दरों का प्रस्ताव दाखिल करने को कहा है। बिजली कंपनियों का जवाब मिलने के बाद आयोग ए आर आर समेत अन्य याचिका स्वीकार करने का फैसला कर बिजली दरों के निर्धारण की कवायद शुरू करेगा। आयोग ने आदेश के बावजूद बिजली कर्मियों के घर पर मीटर ना लगाए जाने पर भी नाराजगी जताई। साथ ही जवाब तलब किया है।
पावर कारपोरेशन और बिजली कंपनियों को नियामक आयोग की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सभी बिजली कंपनियां बिना सब्सिडी के अलग-अलग श्रेणी के लिए सलैब वार रिटेल बिजली दर का प्रस्ताव 10 दिन के अंदर दाखिल करें। आयोग ने कहा है कि बिजली कंपनियों द्वारा आय और व्यय में दिखाए गए लगभग 67 हजार करोड़ रुपए के अंतर को शून्य करते हुए टेरिफ प्रस्ताव दाखिल किया जाना चाहिए। आयोग ने बिजली कंपनियों से जानना चाहा है कि दरो में कितनी वृद्धि से घाटे की भरपाई हो सकती है। इस बार बिजली कंपनियों ने 17 फीसद वितरण लाइन हानियों के आधार पर लगभग 85500 करोड़ों रुपए का एआरआर दाखिल किया है।
आयोग ने ए आर आर की कई कमियों को भी इंगित करते हैं बिजली कंपनियों से जवाब तलब किया है इसमें प्रमुख रूप से 2020-21 में पहले बिजली खरीद के मध्य में 59982 करोड़ों रुपए बताए जाने के बाद अब याचिका में इसे बढ़ाकर ६०782 करोड़ किए जाने पर सवाल उठाया है। साथ ही श्रेणी वार राजस्व के आकलन का ब्यौरा भी मांगा गया है। आयोग ने पत्र में परिचालन एवं अनुरक्षण ओएंडएम खर्च के बारे में भी प्रस्ताव दाखिल करने को कहा गया है। उपभोक्ताओं की जमानत राशि पर ब्याज के मामले में रिपोर्ट के साथ ही पूर्व में चलाए गए ओटीएस के बारे में भी रिपोर्ट मांगी गई है सभी बिजली कंपनियों में एकीकृत तकनीकी एवं वाणिज्यक लाइन हानियों के बारे में भी ब्यौरा तलब किया गया है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे हैं 20500 करोड़ रुपए के एवज में दरें कम करने का मामला आयोग के विचाराधीन है। अब पावर कारपोरेशन क्या जवाब देगा यह तो समय ही बताएगा।

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