नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि काश्तकारों को उनकी फसल की बेहतर कीमत दिलाने में सक्षम बनाने के लिए कृषि सुधारों की जरूरत थी। इसलिए यदि सुधार नहीं किए गए तो निश्चित रूप से 2022 तक इस लक्ष्य को हासिल करने को झटका लगेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसी को लेकर तीन नए प्रश्नकल में लाए गए थे। लेकिन किसानों के विरोध के चलते सरकार ने 1 दिसंबर 2021 को तीनों नए कृषि कानूनों को वापस ले लिया था।
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए सुधार बहुत ही जरूरी है। कुछ किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे। मुझे लगता है कि इस पर शीघ्र राज्यों के साथ परामर्श शुरू किया जाना चाहिए था। 4 राज्यों में भाजपा की जीत के बाद देश की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए अटके कानूनों पर फिर से जो लगाने के सवाल पर कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लोगों के सुझाव हमारे पास आ रहे हैं लेकिन किस तरह किस रूप में इसके लिए हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए।
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं से किसान हो रहे मजबूत। साथ ही कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि व अन्य योजनाओं से देश के करोड़ों किसानों को नई मजबूती मिल रही है। पीएम मोदी ने रविवार को ट्वीट कर कहा देश को अपने किसान भाई बहनों पर गर्व है। यदि किसान मजबूत होंगे तो नया भारत और समृद्ध होगा। मुझे खुशी है कि किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं से वह सशक्त बन रहे हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट के साथ एक ग्रैफिक्स भी साझा किया है जिसके मुताबिक देश के 11.३ करोड़ किसानों को सीधे खाते में 1.82 करोड़ों रुपए दिए गए हैं । योजनाओं के मुताबिक केंद्र सरकार हर साल किसानों को 6000 रुपए की मदद देती है।



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