two months 2 माह में प्रस्तावित Metro Blue Line मेट्रो ब्ल्यू लाइन की डीपीआर फिर संशोधित कर तैयार की जाएगी

Lucknow Metro

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में प्रमुख विपक्षी दल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बार-बार योगी आदित्यनाथ की सरकार पर यह आरोप लगाया था कि उनके 5 साल के कार्यकाल में कोई कामकाज नहीं हुआ है। यहां तक मेट्रो का कार्य जितना सपा सरकार में हुआ था वही है। उसके आगे मेट्रो नहीं बढ़ सकी। इसको लेकर दुबारा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब काम करने के मूड में हैं। क्योंकि 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं। इस कारण दोबारा विपक्षी दलों को यह कहने का मौका न मिले कि बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदिनाथ की सरकार में कोई कामकाज नहीं हुआ है। 

अब फिर चारबाग से बसंत कुंज के बीच प्रस्तावित मेट्रो की ब्ल्यू लाइन की संशोधित डीपीआर 2 माह में तैयार की जाएगी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के निर्देश के बाद यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) के साथ बैठक कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दिल्ली में (यूपीएमआरसी) के एमडी कुमार केशव ने (डीएमआरसी) के अधिकारियों के साथ बैठक के भी की है। समय बीतने के कारण बन रही ब्ल्यू लाइन पर खर्च बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है।

2019 में केंद्र सरकार की नई नीति को शामिल करते हुए नई डीपीआर बनाकर राज सरकार को भेजी गई थी। इस पर अभी फैसला नहीं हो सकता। यह बात एमडी कुमार केशव ने बताया। मेट्रो विस्तार के लिए मुख्य सचिव के निर्देश के बाद अब फिर से लागत का आकलन किया जा रहा है। 3 साल में प्राइस इंडेक्स बढ़ने के कारण लागत पर आने वाले खर्च में बढ़ोतरी संभावित है। यात्रियों की बढी़ क्षमता के अलावा निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री की कीमतों को ध्यान में रखते हुए डीपीआर में खर्च और अन्य आंकड़ों को संशोधन होना है।

यूपीएमआरसी के लिए डीएमआरसी ने इस लाइन की डीपीआर बनाई है। 2019 में जो डीपीआर दी गई थी इसकी लागत 4538 करोड़ों रुपए थी। इसमें 4 की जगह 3 कोच की ट्रेन और स्टेशनों के साइज कम करते हुए 17 फीसद लागत पूर्व से घटाई गई थी अब संशोधन के बाद लागत में बढ़ोतरी को तय माना जा रहा है।

उधर मेट्रो के प्रवक्ता पुष्पा बेल्लानी के मुताबिक ब्लू लाइन पर 12. 5 किलोमीटर लंबाई में स्टेशन बनाए जाने हैं। इनमें से सात भूमिगत रहेंगे। यह लाइन प्रमुख रूप से नाका, अमीनाबाद, कैसरबाग, चौक, ठाकुरगंज जैसे पुराने इलाकों के अलावा वसंत कुंज आम्रपाली जैसे नए विकसित इलाकों को भी जोड़ेगी। वसंत कुंज में मेट्रो की ट्रेनों का डिपो भी बनाया जाना है।

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