प्रशांत किशोर और कांग्रेस हाई कमान कई बार बैठक हुई, लेकिन अब खुद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कांग्रेस में शामिल होने से इनकार किया है। उन्होंने लिखा, मैने ईएजी (एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप) के हिस्से के रूप में पार्टी में शामिल होने और चुनावों की ज़िम्मेदारी लेने के कांग्रेस के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। मेरी विनम्र राय ये है कि मुझसे ज़््यादा पार्टी को नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की ज़रूरत है ताकि परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से संरचनात्मक समस्याओं को ठीक किया जा सके, जिसकी जड़ें काफ़ी गहरी हैं।
प्रशांत किशोर ने सोनिया गांधी के सामने एक प्रज़ेंटेशन रखा था। उन्होंने पार्टी के लिए 2024 चुनावों का एक रोडमैप तैयार किया था। सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को पार्टी में जगह देने के लेकर एक समिति गठित की थी। चुनावी रणनीतिकार के तौर पर प्रशांत किशोर नेे 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत, नीतीश कुमार-लालू गठबंधन की बिहार में जीत और 2021 में ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल में जीत अहम है। उन्होंने पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी और तमिलनाडु में डीएमके नेता एमके स्टालिन को अपनी प्रोफ़ेशनल सेवाएँ दी हैं।
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राहुल और अखिलेश को साथ ला कर उन्होंने (यूपी के लड़के) के साथ एक प्रयोग किया पर वो असफ़ल रहे। ममता बनर्जी की पार्टी को इस साल गोवा में चुनाव लड़ाने की सलाह भी उनकी ही बताई जाती है, लेकिन वो यहाँ भी टीएमसी की नैया पार नहीं लगा पाए। सोमवार को जब कांग्रेस के आला नेताओं की बैठक समाप्त हुई तो यह स्पष्ट हो गया कि फ़िलहाल इंतज़ार करना होगा। पिछले साल भी कांग्रेस पार्टी और प्रशांत किशोर के बीच बात बनते-बनते बिगड़ गई थी।

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